नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने सोमवार को कहा कि वक्फ विधेयक पर विचार कर रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ‘‘सरकार के लिए रबर स्टैम्प’’ बन गई है क्योंकि उसने सत्तारूढ़ सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया जबकि विपक्षी सांसदों के संशोधनों को नकार दिया है।
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गोगोई ने आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्यों के प्रस्तावों को खारिज करना यह दर्शाता है कि संसदीय समितियों पर चीजें थोपी जा रही हैं।
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘एक संयुक्त संसदीय समिति में सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों द्वारा सुझाए गए सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया जाना, जबकि विपक्ष द्वारा प्रस्तावित सभी संशोधनों को खारिज कर दिया जाना, यह दर्शाता है कि संसदीय समितियों पर चीजें थोपी जा रही हैं। समिति छानबीन के अपने संवैधानिक कर्तव्य से बच रही है और सरकार के लिए रबर स्टैम्प बन गई है।’’
सूत्रों ने बताया कि समिति में शामिल विपक्षी सदस्यों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक के सभी 44 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव रखा था और उन्होंने दावा किया कि समिति की ओर से प्रस्तावित कानून विधेयक के ‘दमनकारी’ चरित्र को बरकरार रखेगा और मुस्लिमों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का प्रयास करेगा।
सोमवार को भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली संयुक्त समिति की बैठक में विपक्षी सदस्यों ने एक बार फिर जोरदार विरोध किया और पाल पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ‘चोट’ पहुंचाने का आरोप लगाया।
सूत्रों ने बताया कि समिति बुधवार को रिपोर्ट स्वीकार कर सकती है, जिसमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और एआईएमआईएम जैसे विपक्षी दलों के सदस्य अपनी असहमति जता सकते हैं।
भाषा शफीक वैभव
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