देहरादून : उत्तराखंड में नवसंवत्सर और चैत्र नवरात्रि शुरू होने के मौके पर बुधवार को 824 महिलाओं को एएनएम (ऑग्जिलरी नर्स मिडवाइफरी) पद पर नियुक्ति दी गयी । प्रदेश में नारी शक्ति उत्सव के रूप में मनाए जा रहे चैत्र नवरात्रि के अवसर पर विभिन्न जिलों में महिलाओं को स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में नियुक्त किया गया । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में 187 महिलाओं को एएनएम पद के नियुक्ति पत्र प्रदान किए ।
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एएनएम पर प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के साथ ही गर्भवती महिलाओं व शिशुओं की देखभाल करने तथा उनका पंजीकरण करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है । धामी ने सभी एएनएम को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश के सुदूर गांवों में लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए इन महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को ग्रामीण क्षेत्रों में नियुक्ति प्रदान की जा रही है । मातृ शक्ति को आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाने की दिशा में अपनी सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए धामी ने कहा कि राज्य में महिलाओं को 30 प्रतिक्षत क्षैतिज आरक्षण दिया जा रहा है।
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उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के सरकार के लक्ष्य में हमारी मातृशक्ति का सहयोग एवं आशीर्वाद जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए सभी विभागों द्वारा आगामी 10 साल के रोडमैप पर कार्य किया जा रहा है। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि आज नियुक्ति पाने वाली एएनएम अगले पांच साल तक प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में सेवाएं देंगी और इनकी नियुक्ति के साथ ही प्रदेश में इनकी उपलब्धता 92 प्रतिशत हो गयी है।
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उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की कमी को दूर करने के लिए जल्द ही 171 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की जा रही है । मंत्री ने बताया कि इसके अलावा जल्द ही पासआउट हो रहे 300 एमबीबीएस डॉक्टरों को भी जल्द ही नियुक्ति पत्र दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं के सुदृढीकरण के लिए राज्य सरकार का प्रयास है कि 2024 तक प्रदेश में एमबीबीएस डॉक्टरों की शत प्रतिशत नियुक्ति हो जाए।