नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने टीम में चुनिंदा लोगों को ही रखते हैं। इनमें में देश के उत्तर पूर्वी राज्यों के कैडरों से ताल्लुक रखने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों का बोलबाला है। असम और मेघालय कैडर शामिल हैं, जिनसे जुड़े अधिकारी मोदी सरकार के प्रशासनिक दफ्तरों में शीर्ष पदों पर तैनात हैं।
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भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार 33 अधिकारी असम और मेघालय कैडर से, 27 यूपी कैडर से, 25 मध्य प्रदेश कैडर से, 22 बिहार कैडर से और 24 केरल कैडर से हैं। ये बातें हाल ही में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के जरिए सामने आई हैं।
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केंद्र सरकार में ज्वॉइंट सेक्रेट्री और उससे ऊपर की रैंक के कुल 370 आईएएस अधिकारियों में 33 असम और मेघालय कैडर से हैं। इन दोनों राज्यों के कैडरों के अधिकारियों के बाद सूची में यूपी कैडर का नाम आता है, जो कि देश का सबसे बड़ा राज्य है और विस्तार से उसके पास सबसे बड़ा सेंट्रल डेप्यूटेशन रिजर्व (सीडीआर) भी है।
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सीडीआर यह बताता है कि आखिर किस सीमा तक सरकार डेप्यूटेशन के लिए अधिकारियों को भेज सकती है। ज्वॉइंट सेक्रेट्री, एडिश्नल सेक्रेट्री और सेक्रेट्री के स्तर पर केंद्र सरकार में यूपी कैडर से कुल 27 अधिकारी कार्यरत हैं। वहीं, 74 अधिकारियों के सीडीआर होने के बाद भी ज्वॉइंट सेक्रेट्री रैंक में मौजूदा समय में बिहार कैडर से 22 अधिकारी हैं।
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असम और मेघालय कैडर के अलावा अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) के कैडरों का भी इस बाबत (सरकार में वरिष्ठ पदों पर) ठीक-ठाक प्रतिनिधित्व है। इसी तरह, छोटा सीडीआर और आकार होने के बाद भी मणिपुर, त्रिपुरा, नागालैंड और सिक्किम कैडर से भी क्रमशः 10, 11, आठ और चार अधिकारी केंद्र सरकार में ज्वॉइंट सेक्रेट्री रैंक पर हैं।
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