New Rules from 1 july : नई दिल्ली। आज से वित्तीय लेनदेन से जुड़े 7 अहम नियम बदलने वाले है। इन नियमों में क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन पर टीडीएस, आधार कार्ड-पैन कार्ड लिंक और डीमैट KYC आदि शामिल है। इसके साथ ही इनमें गैस की कीमतों में संशोधन को लेकर भी बदलाव किये गए हैं। इसके अलावा अन्य वित्तीय लेनदेन से जुड़े परिवर्तन किये गए हैं। इन 7 बदलावों का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। तो चलिए हम आपको बताते हैं क्या हैं वो सात नियम?>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
1 जुलाई से KYC से जुड़े नियमों में भी बड़ा बदलाव किया जाएगा। इसके अनुसार अगर 30 जून तक आपने डीमैट खाते का केवाईसी नहीं कराया है तो अब यह निष्क्रिय हो जाएगा। इसका मतलब अब आप शेयर बाजार में खरीद-बिक्री नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही अगर आपने शेयर पहले ही खरीद भी लिया तो आपके खाते में ट्रांसफर नहीं होगा। नए नियमों के अनुसार आपका शेयर केवाईसी पूरा होने पर ही आपके खाते में ट्रांसफर होगा।
आज से आधार-पैन कार्ड से जुड़े नियमों में भी बदलाव किया गया है। दरअसल, आधार और पैन कार्ड को लिंक कराने पर अब 1,000 रुपये शुल्क देना होगा। बता दें इससे पहले यह 500 रुपये था। जबकि मार्च तक यह मुफ्त था। मार्च, 2023 तक लिंक नहीं कराने पर पैन निष्क्रिय हो जाएगा। इसे आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर खुद लिंक कर सकते हैं।
आज से वाहनों की खरीदी भी आपकी जेब का बोझ बढ़ाएगी। नए नियमों के अनुसार अब से दोपहिया वाहनों की कीमतें एक जुलाई से बढ़ेंगी। हीरो मोटो कॉर्प 3,000 रुपये तक दाम बढ़ाने वाली है। इतना ही नहीं दूसरी कंपनियां भी कीमतें बढ़ाने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा अब से 5 स्टार एसी खरीदना 10 फीसदी तक महंगा हो जाएगा।
एक जुलाई यानी शुक्रवार से क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर एक फीसदी का टीडीएस देना होगा। बता दें आयकर विभाग के अनुसार, इसमें सभी तरह की एनएफटी और डिजिटल मुद्राएं आएंगी। इस साल बजट में इसे घोषित किया गया था।
नए टीडीएस नियम के तहत अब दो कारोबारियों या पेशेवरों के बीच हो रहे अतिरिक्त लाभ के लेनदेन पर साल में 20,000 से ज्यादा के फायदे पर 10 फीसदी टीडीएस कटेगा। यह उपहार या लाभ के अलावा कार, प्रायोजित दौरे, फिल्मों के टिकट आदि पर भी हो सकते हैं। डॉक्टर को मुफ्त सैंपल मिल रहा है तो उस पर भी 10 फीसदी टीडीएस लगेगा।
बैंक के कुछ बड़े नियमों में भी आज से कुछ बदलाव कए गए हैं। जैसे कि एक जुलाई से बैंक या वित्तीय कंपनियों को यह बताना जरूरी होगा कि उन्होंने किसी ग्राहक के आवेदन पर क्रेडिट कार्ड क्यों नहीं दिया। इसके साथ ही बीमा कवर भी वैकल्पिक रूप से देना होगा। ग्राहक की मंजूरी के बिना कार्ड को अपग्रेड नहीं कर सकते। इसके अलावा गलती होने पर कार्ड जारी करने वाले को न केवल फीस लौटाना होगा, बल्कि जुर्माना भी देना होगा।
इन नियमों के साथ ही अब बैंक अपने बोर्ड की मंजूरी से ही किसी भी ग्राहक को डेबिट कार्ड जारी कर सकते हैं। इसके लिए आरबीआई की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी। डेबिट कार्ड केवल बचत और चालू खाता वाले ग्राहकों को ही दिया जाएगा। बैंक जबरदस्ती किसी को डेबिट कार्ड जारी नहीं कर सकता है।