Amit Shah changed these laws : नई दिल्ली। लोकसभा में तीन क्रिमिनल लॉ बिल पर चर्चा हो रही है। इसे पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह(Amit Shah) ने कहा कि मोदी सरकार अंग्रेजों के जमाने के कानूनों में बदलाव कर रही है। आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति की बात कही थी, उसी के तहत गृह मंत्रालय ने आपराधिक कानूनों में बदलाव के लिए गहन विचार किया।
Amit Shah changed these laws : अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 पर चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मैंने तीनों विधेयकों को गहनता से पढ़ा है और इन्हें बनाने से पहले 158 परामर्श सत्रों में भाग लिया है। इससे यह बात साफ होती है कि आपराधिक न्याय प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से औपनिवेशिक कानूनों से मुक्ति की बात कही थी, उसी के तहत गृह मंत्रालय ने आपराधिक कानूनों में बदलाव के लिए गंभीरता से विचार किया। अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि नए कानून व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानव के अधिकार और सबके साथ समान व्यवहार के तीन सिद्धांतों के आधार पर बनाए जा रहे हैं। आजादी के बाद पहली बार अपराध न्याय प्रणाली से जुड़े तीनों कानूनों का मानवीकरण होगा।
सदन में अमित शाह ने दुष्कर्म पर कानून बदलाव में कहा कि अब उम्र के दायरे में रहकर आरोपियों को सजा दी जाएगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अब मॉब चिलिंग में सीधे फांसी की सजा दी जाएगी। अमित शाह ने कहा कि अगर अब नाबालिग जिसकी उम्र 18 साल से कम होगी अगर उसके साथ दुष्कर्म किया जाता है तो आरोपी को उम्रकैद या फिर फांसी की सजा दी जाएगी। तो वहीं हिट एंड रन में 10 साल की सजा मिलेगी। रेप के दोषी को अब 20 साल की सजा होगी। साइबर, आर्थिक, डकैती में भी कड़ी सजा का प्रावधान रखा गया है। सशस्त्र विद्रोह पर जेल होगी।
आतंकियों की अब सीधा जेल भेजा जाएगा। राजद्रोह की जगह अब देशद्रोह कानून माना जाएगा। व्यक्ति के खिलाफ बोलने पर जेल नहीं होगी। देश के खिलाफ बोलना गुनाह होगा और कार्रवाई की जाएगी। आतंकवाद कृत्य के लिए कड़ी सजा के प्रावधान होंगे। सरकार के खिलाफ बोलना गुनाह नहीं होगा। लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “CrPC में पहले 484 धाराएं थीं, अब इसमें 531 धाराएं होंगी। 177 धाराओं में बदलाव किए गए हैं और 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। 39 नई उप-धाराएं जोड़ी गई हैं। 44 नए प्रावधान जोड़े गए हैं।”
जब अनियंत्रित भीड़ द्वारा किसी दोषी को उसके किये अपराध के लिये या कभी-कभी मात्र अफवाहों के आधार पर ही बिना अपराध किये भी तत्काल सज़ा दी जाए अथवा उसे पीट-पीट कर मार डाला जाए तो इसे भीड़ द्वारा की गई हिंसा या मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) कहते हैं। इस तरह की हिंसा में किसी कानूनी प्रक्रिया या सिद्धांत का पालन नहीं किया जाता और यह पूर्णतः गैर-कानूनी होती है।