नई दिल्ली। Giriraj Singh on Judge Shekhar Yadav Statement : सोशल मीडिया पर इन दिनों इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर यादव का एक बयान जोरशोर से वायरल हो रहा है। शेखर यादव ने रविवार को विश्व हिन्दू परिषद के एक कार्यक्रम में भाग लिया था और वहां विवादित बयान दिया था। उन्होंने यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) के मुद्दे पर कहा, “हिन्दुस्तान में रहने वाले बहुसंख्यक के अनुसार ही देश चलेगा।” इस बयान के बाद देश में नया विवाद खड़ा हो गया। विवाद से अब संसद भी अछूता नहीं रहा। संसद में विपक्षी दल जस्टिस शेखर कुमार यादव के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। अब इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आना भी शुरू हो गई है। शेखर यादव के बयान को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई है।
Giriraj Singh on Judge Shekhar Yadav Statement : इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर कुमार यादव के भाषण पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, “इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर कुमार यादव की टिप्पणी सही है। उन्होंने विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की, कोर्ट में नहीं।” वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ पर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा दिए गए बयान बहुत गैरजिम्मेदाराना हैं।”
#WATCH | Delhi: Allahabad High Court judge Shekhar Kumar Yadav’s speech, Union Minister Giriraj Singh says, “The remarks made by Allahabad High Court judge Shekhar Kumar Yadav are correct. He made those remarks at an event of Vishva Hindu Parishad, not the court…”
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— ANI (@ANI) December 12, 2024
विश्व हिन्दू परिषद के कार्यक्रम में जस्टिस शेखर यादव का कहना था कि एक से ज़्यादा पत्नी रखने, तीन तलाक़ और हलाला के लिए कोई बहाना नहीं है और अब ये प्रथाएं नहीं चलेंगी। जस्टिस यादव की इस भाषण से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इसके बाद उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने अपने बयान में कहा, “जिस नारी को हमारे यहां देवी का दर्जा दिया जाता है, आप उसका निरादर नहीं कर सकते हैं. आप यह नहीं कह सकते हैं कि हमारे यहां तो चार पत्नियां रखने का अधिकार है, हमारे यहां तो हलाला का अधिकार है, हमारे यहां तो तीन तलाक़ बोलने का अधिकार है। ये सब नहीं चलने वाला है।”
कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने बुधवार को कहा कि संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र में ही इसके लिए नोटिस दिया जाएगा। अब तक राज्यसभा के 30 से अधिक सदस्यों के हस्ताक्षर लिए जा चुके हैं। प्रस्ताव से जुड़ा नोटिस 100 लोकसभा सदस्यों या 50 राज्यसभा सदस्यों द्वारा पेश किया जाना चाहिए। लेकिन महाभियोग का रास्ता इतना भी आसान नहीं है। और अगर इतिहास के पन्ने पलटें तो इतिहास भी इस बात का गवाह है कि आज तक किसी भी जज के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।
जज शेखर यादव ने विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में कहा था कि हिन्दुस्तान में बहुसंख्यक के अनुसार ही देश चलेगा। इसके अलावा, उन्होंने तीन तलाक, हलाला, और एक से ज़्यादा पत्नी रखने जैसी प्रथाओं पर भी कड़ी टिप्पणी की थी।
केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने शेखर यादव के बयान का समर्थन किया, जबकि विपक्षी दलों ने इस बयान को लेकर महाभियोग प्रस्ताव लाने की बात की है।
कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने बताया कि महाभियोग प्रस्ताव संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लाया जाएगा।
नहीं, इतिहास में कभी भी किसी जज के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है।
शेखर यादव ने कहा था कि तीन तलाक, हलाला, और एक से ज़्यादा पत्नी रखने जैसी प्रथाएं अब नहीं चलेंगी, क्योंकि नारी का सम्मान हमारे धर्म और समाज का हिस्सा है।