Employee Pension Scheme: EPS स्कीम के तहत पेंशन की 15000 रुपए की मासिक सीलिंग या कैपिंग हटनी चाहिए या नहीं इस पर EPFO का बोर्ड CBT विचार कर सकता है। 20 नवंबर को CBT की नई दिल्ली में मीटिंग होनी है। भारतीय संघ और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि रोजाना सुनवाई होगी।
एम्प्लॉई पेंशन स्कीम पर लगी कैपिंग को हटाने पर लंबे समय से विचार कर रहा है। हालांकि, EPFO के पास फंड की कमी के चलते पिछले कुछ सालों में इस पर फैसला नहीं हुआ है। मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
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वर्तमान नियम?
एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड में जब कोई कर्मचारी सदस्य बनता है तो वह EPS-Employee pension scheme का भी सदस्य बन जाता है। कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12% कंट्रीब्यूशन PF में जाता है। कर्मचारी के अलावा इतना ही हिस्सा एम्प्लॉयर के खाते में भी जाता है।
लेकिन, एम्प्लॉयर कें कंट्रीब्यूशन में से एक हिस्सा EPS यानि पेंशन फंड में जमा होता है। EPS में बेसिक सैलरी का 8।33% कंट्रीब्यूशन होता है। हालांकि, पेंशन योग्य सैलरी की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए है। ऐसे में पेंशन फंड में हर महीने अधिकतम 1250 रुपए ही जमा सकता है।
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नियमों के मुताबिक, अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी 15,000 रुपए या उससे ज्यादा है तो पेंशन फंड में 1250 रुपए जमा होंगे। अगर बेसिक सैलरी 10 हजार रुपए है तो योगदान 833 रुपए ही होगा। कर्मचारी के रिटायरमेंट पर पेंशन की कैल्कुलेशन भी अधिकतम सैलरी 15 हजार रुपए ही मानी जाती है। ऐसे में रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी EPS रूल के तहत सिर्फ 7,500 रुपए बतौर पेंशन मिल सकते हैं।
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15,000 की लिमिट हटी तो क्या?
EPFO के रिटायर्ड एन्फोर्समेंट ऑफिस भानु प्रताप शर्मा के मुताबिक, अगर पेंशन से 15 हजार रुपए की लिमिट को खत्म कर दिया जाए तो 7,500 रुपए से ज्यादा पेंशन मिल सकती है। लेकिन, इसके लिए एम्प्लॉयर का EPS में योगदान भी बढ़ाना होगा।
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कैसे होती है EPS की कैलकुलेशन
EPS कैलकुलेशन का फॉर्मूला= मंथली पेंशन=(पेंशन योग्य सैलरी x EPS खाते में जितने साल कंट्रीब्यूशन रहा)/70।
अगर किसी की मंथली सैलरी (आखिरी 5 साल की सैलरी का औसत) 15 हजार रुपए है और नौकरी की अवधि 30 साल है तो उसे सिर्फ हर महीने 6,828 रुपए की ही पेंशन मिलेगी।
लिमिट हटी तो कितनी मिलेगी पेंशन?
अगर 15 हजार की लिमिट हट जाती है और आपकी सैलरी 30 हजार है तो आपको फॉर्मूले के हिसाब से जो पेंशन मिलेगी वो ये होगी।। (30,000 X 30)/70 = 12,857 रुपए
पेंशन (EPS) के लिए मौजूदा शर्तें
– EPF सदस्य होना जरूरी।
– कम से कम रेगुलर 10 साल तक नौकरी में रहना जरूरी।
– 58 साल के होने पर मिलती है पेंशन। 50 साल के बाद और 58 की उम्र से पहले भी पेंशन लेने का विकल्प।
– पहले पेंशन लेने पर घटी हुई पेंशन मिलेगी। इसके लिए फॉर्म 10D भरना होगा।
– कर्मचारी की मौत होने पर परिवार को मिलती है पेंशन।
– सर्विस हिस्ट्री 10 साल से कम है तो उन्हें 58 साल की आयु में पेंशन अमाउंट निकालने का ऑप्शन मिलेगा।
पेंशन के लिए क्या हैं नियम?
EPF की रकम निकालना चाहते हैं तो आप कभी भी अपने खाते में जमा राशि को निकाल सकते हैं। चाहे आपकी नौकरी 6 महीने की हो या 10 साल की। लेकिन, पेंशन की रकम निकालने के लिए आपको थोड़ी परेशानी हो सकती है। क्योंकि, इसके बहुत से नियम हैं, जो आपको समझने चाहिए। आइये जानते हैं अलग-अलग स्थिति में पेंशन की रकम का क्या कर सकते हैं?