अल्पसंख्यकों के लिए दुनिया में भारत से सुरक्षित कोई जगह नहीं: रीजीजू

अल्पसंख्यकों के लिए दुनिया में भारत से सुरक्षित कोई जगह नहीं: रीजीजू

अल्पसंख्यकों के लिए दुनिया में भारत से सुरक्षित कोई जगह नहीं: रीजीजू
Modified Date: April 3, 2025 / 12:57 am IST
Published Date: April 3, 2025 12:57 am IST

नयी दिल्ली, दो अप्रैल (भाषा) केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने बुधवार को कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए दुनिया में भारत से सुरक्षित कोई स्थान नहीं है और इस देश के बहुसंख्यक लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष मानते हैं।

लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए रीजीजू ने सरकार के इस कदम को मुस्लिम विरोधी बताने के कई विपक्षी सदस्यों के दावों को खारिज करते हुए कहा कि इस विधेयक को मुसलमानों को बांटने वाला बताया जा रहा है, जबकि सरकार इसके जरिए शिया, सुन्नी समेत समुदाय के सभी वर्गों को एक साथ ला रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार तो देश में सबसे छोटे अल्पसंख्यक समुदाय पारसी को भी बचाने के लिए प्रयास कर रही है।

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रीजीजू के जवाब के बाद सदन ने मत विभाजन के माध्यम से विधेयक पर विचार के प्रस्ताव को मंजूरी दी, वहीं कई विपक्षी सदस्यों के संशोधनों को नामंजूर कर दिया।

रीजीजू ने कहा, ‘‘विपक्ष सरकार की आलोचना कर सकता है, लेकिन यह कहना कि हिंदुस्तान में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है, सही नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं खुद अल्पसंख्यक हूं और कह सकता हूं कि भारत से ज्यादा अल्पसंख्यक कहीं सुरक्षित नहीं हैं। हर अल्पसंख्यक समुदाय शान से इस देश में जीवन जीता है।’’

उन्होंने विपक्षी सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘सदन में इस तरह देश को बदनाम करना….आने वाली पीढ़ियां आपको माफ नहीं करेंगी।’’

मंत्री ने कहा कि विधेयक के पारित होने के बाद देश के करोड़ों मुसलमान प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देंगे।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, म्यांमा और श्रीलंका जैसे देशों में प्रताड़ित होने वाले अल्पसंख्यक शरण लेने के लिए भारत में ही आते हैं।

रीजीजू ने कहा कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश इसलिए है क्योंकि यहां बहुसंख्यक लोग पूरी तरह खुद को धर्मनिरपेक्ष मानते हैं।

भाषा वैभव नेत्रपाल

नेत्रपाल

वैभव


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