बुरी खबर, कोई गारंटी नहीं की चीन के साथ तनाव बढ़ने पर ट्रंप भारत का समर्थन करेंगे, अमेरिका के पूर्व NSA का बयान

बुरी खबर, कोई गारंटी नहीं की चीन के साथ तनाव बढ़ने पर ट्रंप भारत का समर्थन करेंगे, अमेरिका के पूर्व NSA का बयान

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  • Publish Date - July 12, 2020 / 03:13 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:57 PM IST

नई दिल्ली। अमेरिका की तरफ भारत के लिए बड़ा बयान सामने आया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के मुताबिक यदि चीन-भारत सीमा तनाव बढ़ता है तो इसकी कोई गारंटी नहीं कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के खिलाफ भारत का समर्थन करेंगे।

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एक इंटरव्यू के दौरान बोल्टन ने ये बयान दिया है और कहा है कि चीन अपने सभी दायरों में आक्रामक तरीके से व्यवहार कर रहा है, निश्चित तौर पर पूर्वी और दक्षिण चीन सागर में भी तथा जापान, भारत और अन्य देशों के साथ उसके संबंध खराब हुए हैं। यह पूछे जाने पर कि ट्रंप चीन के खिलाफ भारत का किस हद तक समर्थन करने के लिए तैयार हैं।

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यह पूछे जाने पर कि क्या वह मानते हैं कि यदि भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता है तो इसकी कोई गारंटी नहीं कि ट्रंप चीन के खिलाफ भारत का समर्थन करेंगे, बोल्टन ने कहा, ‘‘हां यह सही है.” बोल्टन ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि ट्रंप को भारत और चीन के बीच दशकों के दौरान हुई सीमा झड़पों के इतिहास की कोई जानकारी है। बोल्टन ने कहा कि हो सकता है कि ट्रंप को इस बारे में जानकारी दी गई हो, लेकिन वह इतिहास को लेकर सहज नहीं हैं। बोल्टन ट्रंप प्रशासन में अप्रैल 2018 से सितम्बर 2019 तक अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि वह अगले चार महीनों के दौरान ऐसी सभी चीजों से परहेज करेंगे जो उनके चुनाव को और जटिल बनाये, जो पहले से ही उनके लिए एक मुश्किल चुनाव है.”

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उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि वह क्या निर्णय लेंगे और मुझे नहीं लगता कि उन्हें भी इस बारे में पता है। मुझे लगता है कि वह चीन के साथ भू-रणनीतिक संबंध देखते हैं, विशेष रूप से व्यापार के चश्मे से.” उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि ट्रंप नवम्बर के चुनाव के बाद क्या करेंगे। वह बड़े चीन व्यापार समझौते पर वापस आएंगे। यदि भारत और चीन के बीच चीजें तनावपूर्ण बनती हैं तो मुझे नहीं पता कि वह क्या निर्णय करेंगे.”

आखिर में बोल्टन ने कहा है कि (ट्रंप) यह चाहेंगे कि सीमा पर शांति हो, चाहे इससे चीन को लाभ हो या भारत को.” भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले आठ सप्ताह से पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर गतिरोध उत्पन्न था। गलवान घाटी में उस हिंसक झड़प के बाद तनाव और बढ़ गया जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।