‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ संबंधी संयुक्त समिति का कार्यकाल मानसून सत्र तक के लिए बढ़ा

‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ संबंधी संयुक्त समिति का कार्यकाल मानसून सत्र तक के लिए बढ़ा

‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ संबंधी संयुक्त समिति का कार्यकाल मानसून सत्र तक के लिए बढ़ा
Modified Date: March 25, 2025 / 12:35 pm IST
Published Date: March 25, 2025 12:35 pm IST

नयी दिल्ली, 25 मार्च (भाषा) देश में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले दो विधेयकों पर विचार करने के लिए गठित संसद की संयुक्त समिति के अपना प्रतिवदेन सौंपने के लिए कार्यकाल मंगलवार को इस साल मानसून सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक के लिए बढ़ा दिया गया।

इस संयुक्त समिति के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद पीपी चौधरी ने समिति का कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव लोकसभा में रखा, जिसे सदन ने ध्वनमति से मंजूरी दी।

लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024’ और उससे जुड़े ‘संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक, 2024’ पर संसद की 39 सदस्यीय संयुक्त समिति विचार कर रही है।

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समिति को बजट सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया था। इन विधेयकों को पिछले साल 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में नरेन्द्र मोदी सरकार ने ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था और इसने अपनी रिपोर्ट में इस अवधारणा का जोरदार समर्थन किया था।

इसके बाद, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया और सरकार ने लोकसभा में दो विधेयक पेश किये, जिनमें से एक संविधान संशोधन विधेयक भी है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भाजपा सांसद एवं पूर्व कानून मंत्री पी पी चौधरी की अध्यक्षता में 39 सदस्यीय संयुक्त संसदीय समिति गठित की थी।

भाषा हक

हक वैभव

वैभव


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