नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) जनजातीय कार्य मंत्रालय ने रविवार को कर्तव्य पथ पर आदिवासी नेता भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य पर मनाए जा रहे जनजाति गौरव वर्ष की उत्पत्ति की झलकियां पेश कीं। 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर आयोजित मुख्य समारोह में मंत्रालय की गणतंत्र दिवस झांकी ने स्वतंत्रता संग्राम के साथ-साथ स्वतंत्रता के बाद से राष्ट्र-निर्माण में आदिवासी समुदायों के योगदान को प्रदर्शित किया।
मुंडा एक महान आदिवासी नेता और समाज सुधारक थे।
झांकी में आदिवासी लोकाचार को प्रदर्शित किया गया, जिसे एक प्राचीन साल के पेड़ के माध्यम से चित्रित किया गया था। इस लोकाचार की गहरी जड़ें हरे-भरे जंगलों वाली भूमि में मजबूती से जमी हुई हैं। इसके केंद्र में बिरसा मुंडा थे।
इस झांकी में आदिवासी ज्ञान को भी समाहित किया गया था, जो प्रकृति और मानव विकास के बीच एक सहजीवी संबंध में विश्वास करती है।
आदिवासी नारा ‘जल, जंगल, जमीन’ सतत विकास का वैश्विक मॉडल है।
झांकी के केंद्र में स्वतंत्रता संग्राम में बिरसा मुंडा के बलिदान को दर्शाया गया था। ‘अबुआ दिशुम, अबुआ राज’ (हमारा देश, हमारा शासन) के लिए अंग्रेजों के खिलाफ उनका आह्वान प्रदर्शनी में परिलक्षित हुआ।
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र अजय
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