नई दिल्ली: Supreme Court big decision सुप्रीम कोर्ट ने आज निजी संपत्ति विवाद पर अहम फैसला सुनाया है। इस मामले मे सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि सभी निजी संपत्ति समुदाय के भौतिक संसाधन नहीं। कुछ निजी संपत्ति समुदाय के भौतिक संसाधन हो सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट में ये 9 जजों ने फैसला लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हर निजी संपत्ति को सामुदायिक संपत्ति नहीं कहा जा सकता है। आपको बता दें कि भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 9 न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस साल 1 मई को सुनवाई के बाद निजी संपत्ति मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिय था। इस मामले में आज फैसला सुनाते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘तीन जजमेंट हैं, मेरा और 6 जजों का… जस्टिस नागरत्ना का आंशिक सहमति वाला और जस्टिस धुलिया का असहमति वाला। हम मानते हैं कि अनुच्छेद 31सी को केशवानंद भारती मामले में जिस हद तक बरकरार रखा गया था, वह बरकरार है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए साफ कर दिया कि सरकार सभी निजी संपत्तियों की अधिग्रहण नहीं कर सकती। इसके साथ ही सुप्रीम कोट ने साल 1978 के के बाद के उन फैसलों को पलट दिया है। जिसमें समाजवादी थीम को अपनाया गया था और फैसला सुनाया गया था कि राज्य आम भलाई के लिए सभी निजी संपत्तियों को अपने अधीन कर सकते हैं।