नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को एक एजेंसी नियुक्त करने का प्रस्ताव किया, जो राष्ट्रीय राजधानी में घटती हरियाली को बढ़ाने के लिए किये जाने वाले उपायों का सुझाव दे सकेगी।
न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने मामले में न्याय मित्र एवं वरिष्ठ अधिवक्ता एडीएन राव से सुनवाई की अगली तारीख 18 दिसंबर तक नाम सुझाने को कहा।
पीठ ने आदेश दिया, ‘‘यह न्यायालय जो उम्मीद कर रहा है उस सिलसिले में कोई संतोषजनक प्रगति नहीं हुई है। इसलिए हम दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) में हरित दायरा बढ़ाने के लिए उपाय सुझाने के वास्ते एक एजेंसी नियुक्त करने का प्रस्ताव करते हैं। हम न्याय मित्र को उन एजेंसियों के नाम सुझाने की अनुमति देते हैं जो इस काम को कर सकें।’’
सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत को बताया गया कि दिल्ली सरकार ने उसके 26 जून के आदेश के बाद से दो बैठक आयेाजित की हालांकि रिपोर्ट रिकॉर्ड में नहीं लाया गया।
पूर्व में शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार और स्थानीय निकायों को एक बैठक बुलाने तथा शहर का हरियाली बढ़ाने का निर्देश दिया था। न्यायालय ने कहा था कि हरियाली कम हो जाने के कारण लोगों को अधिक गर्मी महसूस हो रही है।
पीठ ने उम्मीद जताई कि वन विभाग और वृक्ष प्राधिकार दिल्ली में पेड़ों को अवैध रूप से क्षति पहुंचाने संबंधी गतिविधियों पर नजर रखे।
न्यायालय ने कहा था, ‘‘अवैध रूप से पेड़ काटे जाने पर विचार करते हुए हम दिल्ली सरकार, वन एवं पर्यावरण विभाग, वृक्ष प्राधिकार, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और दिल्ली विकास प्राधिकरण(डीडीए) को नोटिस जारी करते हैं। वन विभाग के सचिव राष्ट्रीय राजधानी में हरियाली बढ़ाने संबंधी व्यापक उपायों पर चर्चा के लिए नियुक्त विशेषज्ञ समिति की मौजूदगी में इन सभी अधिकारियों के साथ एक बैठक करें।’’
भाषा सुभाष प्रशांत
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