कांग्रेस के माथे से कभी आपातकाल का कलंक नहीं मिट सकेगा: प्रधानमंत्री मोदी |

कांग्रेस के माथे से कभी आपातकाल का कलंक नहीं मिट सकेगा: प्रधानमंत्री मोदी

कांग्रेस के माथे से कभी आपातकाल का कलंक नहीं मिट सकेगा: प्रधानमंत्री मोदी

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Modified Date: December 14, 2024 / 06:34 PM IST
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Published Date: December 14, 2024 6:34 pm IST

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर (भाषा) आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को लोकसभा में कहा कि विपक्षी दल के माथे से यह कलंक कभी नहीं मिट सकेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में ‘संविधान के 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा का जवाब देते हुए आपातकाल का उल्लेख किया और कहा, ‘‘दुनिया में जब भी लोकतंत्र की चर्चा होगी तो कांग्रेस के माथे से कभी यह कलंक मिट नहीं सकेगा क्योंकि लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया था। भारतीय संविधान निर्माताओं की तपस्या को मिट्टी में मिलाने की कोशिश की गई थी।’’

मोदी ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि संविधान विविधता में एकता की भावना का संदेश देता है, लेकिन आजादी के बाद एकता के मूल भाव पर प्रहार किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि संविधान निर्माताओं के दिमाग में तो एकता की भावना थी, लेकिन आजादी के बाद देश की एकता के मूल भाव पर प्रहार हुआ और गुलामी की मानसिकता में पले-बढ़े लोग विविधता में एकता की जगह विरोधाभास खोजते रहे।’’

मोदी ने कहा, ‘‘हमारी सरकार के निर्णयों में लगातार भारत की एकता को मजबूती देने का प्रयास किया जाता रहा है। अनुच्छेद 370 एकता में रुकावट बना हुआ था और इसलिए हमने उसे जमीन में गाड़ दिया।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का गणतांत्रिक अतीत विश्व के लिए प्रेरक रहा है और इसलिए देश को लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है।

उन्होंने कहा कि ‘‘जब हम संविधान लागू होने के 75 वर्ष का उत्सव मना रहे हैं तो अच्छा संयोग है कि राष्ट्रपति पद पर एक महिला आसीन हैं जो संविधान की भावना के अनुरूप भी है।’’

मोदी ने कहा कि भारत बहुत जल्द विश्व की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में बहुत मजबूत कदम रख रहा है और 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प उसे स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष तक विकसित भारत बनाने का है।

भाषा ब्रजेन्द्र वैभव माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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