नई दिल्ली। लद्दाख के गलवान घाटी में भारती-चीन सेना के बीच हिंसक झड़प के बाद पहली बार ITBP के जवानों ने उस रात की पूरी दास्तां सुनाई। (ITBP) के जवानों ने इंडियन आर्मी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी और चीनी फौजों को मुंहतोड़ जवाब दिया।
पढ़ें- स्वाधीनता के 74 वर्ष, ये आज़ादी कुछ कहती है, लाल किले को अभेद्य किले में किया…
चीनी सैनिकों के साथ खूनी झड़प और भारतीय जवानों के कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने का कुछ ब्यौरा आईटीबीपी ने पहली बार साझा किया है, जिसमें यह बताया गया है कि कुछ जगहों पर यह संघर्ष करीब 17 से 20 घंटे तक चला। आईटीबीपी ने बताया कि एक तरफ जहां जवानों ने पूरी रात लड़ाई लड़ी और पीएलए के पत्थर फेंकने वाले सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया तो वहीं दूसरी तरफ उनको सबसे कम नुकसान हुआ।
पढ़ें- रफाल से खौफ में आए पाकिस्तान की गीदड़ भभकी, बोला- हम मुकाबले केे लि…
उन्होंने आगे बताया, आईटीबीपी के जवानों न सिर्फ प्रभावी ढंग से अपनी रक्षा के लिए ढाल का इस्तेमाल किया, बल्कि पीएलए के सैनिकों को आक्रामक तरीके से जवाब देकर स्थिति को काबू किया। जवानों ने पेशेवर कौशल और उच्चतम पराक्रम के साथ आईटीबीपी के जवानों ने लड़ाई लड़ी और घायल भारतीय जवानों को नीचे लेकर आए।
पढ़ें- ‘कश्मीर बनेगा पाकिस्तान’ का नारा देने वाले कश्मीरी नेता को पाक ने ‘…
लद्दाख में हाल ही में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में बहादुरी दिखाने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के 294 जवानों को महानिदेशक (डीजी) प्रशस्ति से सम्मानित किया गया है। आईटीबीपी ने शुक्रवार को बताया कि इस इलाके में तैनात 21 जवानों को वीरता पदक देने की अनुशंसा सरकार से की गई है। आईटीबीपी ने दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध के बारे में पहली बार आधिकारिक तौर पर जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह जवानों ने न केवल प्रभावी तरीके से अपनी रक्षा की बल्कि आगे बढ़ रहे चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया।
पढ़ें- इस स्प्रे के इस्तेमाल के बाद नाक से बाहर नहीं आएगा कोरोना वायरस, अमेरिकी शोधक…
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल ने कहा कि कुछ इलाकों में आईटीबीपी के जवानों ने पूरे रात लड़ाई लड़ी और चीनी सेना की ओर से किए गए पथराव का मुंहतोड़ जवाब दिया। बता दें कि 15 जून को पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना और भारतीय सेना की हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवानों ने अपना बलिदान दिया। इस झड़प में चीन के भी काफी सैनिक हताहत हुए थे। हालांकि, चीन की ओर से आंकड़ा जारी नहीं किया गया है।