नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा)संयुक्त किसान मोर्चा ने लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में मतदाताओं की ‘पूर्ण संख्या’ उपलब्ध नहीं कराने पर शुक्रवार को निर्वाचन आयोग की आलोचना की।
एसकेएम ने एक बयान जारी करके आरोप लगाया कि राजस्थान के बांसवाड़ा में आयोजित एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणियों पर निर्वाचन आयोग ‘निष्क्रिय’ है।
बयान में कहा गया है,‘‘पहले चरण के मतदान के 11 दिन और दूसरे चरण के मतदान के चार दिन की पूरी तरह से अस्वीकार्य देरी के बाद निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत का आंकड़ा जारी किया, लेकिन प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं की कुल संख्या जारी नहीं की।’’
उसने कहा कि निर्वाचन आयोग को निर्वाचन क्षेत्र-वार मतदाताओं की कुल संख्या का आंकड़ा देने में अपनी झिझक को लेकर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
किसान संगठनों के मंच ने कहा, ‘‘देश भर के 11 करोड़ किसानों और 13.5 करोड़ कृषि मजदूरों का सबसे बड़ा प्रतिनिधि निकाय होने के नाते एसकेएम ने 18वीं लोकसभा के लिए पहले और दूसरे चरण के मतदान के आंकड़े उपलब्ध कराने में निर्वाचन आयोग की विफलता पर गहरी चिंता व्यक्त करता है।’’
उसने कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग सत्तारूढ़ दल पर चुप है जिसने गुजरात के सूरत और मध्य प्रदेश के इंदौर में अपने विरोधियों के नामांकन पत्र के साथ छेड़छाड़ की। यह प्रवृत्ति भाजपा की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के प्रति अवमानना और तानाशाही दृष्टिकोण को उजागर करती है, लेकिन साथ ही निर्वाचन आयोग के समर्पण को भी दर्शाती है।’’
निर्वाचन आयोग ने 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को हुए पहले और दूसरे चरण के मतदान का आंकड़ा मंगलवार को सार्वजनिक किया था। आंकड़ों के मुताबिक, पहले चरण में 66.14 प्रतिशत और दूसरे चरण में 66.71 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री के भाषण का जिक्र करते हुए एसकेएम ने निर्वाचन आयोग पर इसको लेकर की गई शिकायत पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री के उस भाषण की कई दलों ने आलोचना की थी।
बयान में कहा गया, ‘‘किसी और ने नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नफरती बयान दिया गया और इस मुद्दे को एसकेएम ने निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाया था और उनके चुनाव लड़ने पर छह साल की रोक और प्रधानमंत्री के पद से हटाने सहित तत्काल कार्रवाई की मांग की थी। निर्वाचन आयोग नरेन्द्र मोदी को कोई नोटिस देने में विफल रहा, जबकि लगभग सभी राजनीतिक दलों ने इस मामले पर निर्वाचन आयोग ने लिखित शिकायत की थी।’’
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में आयोजित एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए दावा किया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह लोगों की कड़ी मेहनत से कमाई गई संपत्ति ‘घुसपैठियों’ और ‘ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों’ में वितरित कर देगी।
भाषा धीरज अमित
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