दिल्ली में ‘द रॉयल राजपूताना फीस्ट’ में दिख रहा है राजस्थान की शाही रसोई का स्वाद
दिल्ली में ‘द रॉयल राजपूताना फीस्ट’ में दिख रहा है राजस्थान की शाही रसोई का स्वाद
नयी दिल्ली, 14 अप्रैल (भाषा) चांदी की थालियों की खनक से लेकर ‘हरी मिर्च का मास’ और ‘सफेद कटहल’ जैसे धीमी आंच पर पकाए जाने वाले व्यंजनों की सुगंध तक, राजस्थान के शाही रसोईघरों की भव्यता, यहां आयोजित किये जा रहे खाद्य महोत्सव (फूड फेस्टिवल) ‘द रॉयल राजपूताना फीस्ट’ के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी तक पहुंच गई है।
जे डब्ल्यू मैरियट, दिल्ली एरोसिटी में आयोजित किये जा रहे दस दिवसीय खाद्य महोत्सव ‘द रॉयल राजपूताना फीस्ट’ के जरिए राजपूत व्यंजनों की समृद्ध और मसालों से भरपूर खाद्य परंपरा को जीवंत किया गया है।
इस भव्य महोत्सव को शेफ कंवर हेमेन्द्र सिंह ने तैयार किया है।
राजपूताना व्यंजनों की इस श्रृंखला में चाहे वह प्रोटीन से भरपूर ‘हरे चने के कबाब’ हों, मुंह में घुल जाने वाले ‘मटन शमी’ हों, या स्वादिष्ट ‘चक्की के सुले’ (बारबेक्यू किए हुए गेहूं के टुकड़े), अधिकांश व्यंजन पारंपरिक तकनीकों और सामग्रियों का उपयोग करके तैयार किए जा रहे हैं। इसके तहत उन पकवानों को परोसा जा रहा है, जो कभी राजाओं और राज परिवारों को परोसे जाते थे।
शेफ हेमेन्द्र सिंह ने कहा, ‘राजपूत व्यंजन परंपराओं, कहानियों और बेजोड़ कारीगरी की विरासत हैं। ‘द रॉयल राजपूताना फीस्ट’ में हम केवल भोजन नहीं परोसेंगे — हम हर व्यंजन के साथ इतिहास को जीवंत करेंगे।’
व्यंजनों की सूची (मेन्यू) को मेवाड़, मारवाड़ और मालवा जैसे कम ज्ञात क्षेत्रों की पारंपरिक पाकशैली से तैयार किया गया है, जो राजपूत रसोई की विविधता को दर्शाता है।
मुख्य भोजन में शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के व्यंजन मौजूद हैं, जैसे ‘शिकारी आलू’, ‘साबुत टिंडा’, ‘सफेद केसरिया मुर्ग’, ‘भरवां बैंगन’, ‘गट्टे की सब्ज़ी’ और ‘देसी मांस’, जिनके साथ पारंपरिक करी, सुगंधित चावल और विविध रोटियों का भी स्वाद लिया जा सकता है।
मिठाइयों में ‘अमृत घुटका’, ‘सेवइयों की खीर’, ‘चूरमा लड्डू’ और ‘आम की खीर’ जैसी पारंपरिक राजस्थानी मिठाइयां भी परोसी जा रही हैं।
यह खाद्य महोत्सव 19 अप्रैल को समाप्त होगा।
भाषा राखी दिलीप
दिलीप

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