नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में आम बजट पेश होने से एक दिन पहले अपनी सरकार के दृष्टिकोण को सामने रखते हुए शुक्रवार को संकेत दिया कि इस दफा गरीबों और मध्यम वर्ग के साथ-साथ महिलाओं के लिए नई पहलों की घोषणा की जा सकती है।
संसद के बजट सत्र के पहले दिन मोदी ने मीडिया को दिए अपने पारंपरिक संबोधन की शुरुआत धन और समृद्धि से जुड़ी देवी लक्ष्मी को प्रणाम करते हुए की और यह प्रार्थना भी की कि आगामी आम बजट के मद्देनजर देश के हर गरीब एवं मध्यम वर्ग पर माता लक्ष्मी की विशेष कृपा रहे।
धार्मिक और सांप्रदायिक मतभेदों से मुक्त महिलाओं के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय बजट सत्र के दौरान लिए जाएंगे।
उन्होंने महिलाओं की गरिमा स्थापित करने के महत्व पर जोर दिया, जो सत्तारूढ़ भाजपा के कल्याणकारी उपायों के केंद्र में रही हैं।
नवोन्मेष, समावेशिता और निवेश को देश की आर्थिक गतिविधि के रोडमैप का आधार करार देते हुए मोदी ने कहा कि इस सत्र में हमेशा की तरह कई ऐतिहासिक विधेयकों पर चर्चा होगी और व्यापक मंथन के साथ वे राष्ट्र की ताकत बढ़ाने वाले कानून बनेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘विशेषकर नारी शक्ति के गौरव को पुन: प्रस्थापित करना, पंथ संप्रदाय के भेद से मुक्त होकर के हर नारी को सम्मानपूर्ण जीवन मिले, उसको भी समान अधिकार मिले, उस दिशा में इस सत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।’’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र में अपने संबोधन में गरीबों और मध्यम वर्ग पर केंद्र सरकार के ध्यान को भी रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आज, राष्ट्र गरीबों, मध्यम वर्ग, युवाओं, महिलाओं और किसानों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए असाधारण गति से लागू किए जा रहे प्रमुख निर्णयों और नीतियों का गवाह बन रहा है।’’
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ब्रजेन्द्र दिलीप
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