जिस थाने के बाहर शिकंजी और नीबू पानी बेची, अब वहां पुलिस अफसर बनी.. काफी संघर्ष और दर्दभरी है एनी की कहानी

जिस थाने के बाहर शिकंजी और नीबू पानी बेची, अब वहां पुलिस अफसर बनी.. काफी संघर्ष और दर्दभरी है एनी की कहानी

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  • Publish Date - June 29, 2021 / 08:33 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:30 PM IST

तिरुवनंतपुरम, केरल। कुछ कर गुजरने की इच्छा.. और उसे पाने के लिए की गई कड़ी मेहनत बेकार नहीं जाती.. इस वाकये को केरल की एक महिला ने सही साबित कर दिखाया है। महिला जिस थाने के बाहर शिकंजी और आइसक्रीम बेचती थी। आज उसी थाने में सब इंस्पेक्टर बन गई है। 

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महिला ने शहर में कभी पर्यटकों को नींबू पानी और आइसक्रीम बेचकर अपना पेट पाला। आज वहीं के पुलिस स्टेशन में सब-इंस्पेक्टर की पोस्ट पर जॉइन किया। 

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केरल पुलिस ने उन्हें उनकी सफलता के लिए बधाई देते हुए ट्वीट किया, ‘वो इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास का एक सच्चा मॉडल हैं, एक 18 वर्षीय लड़की जो अपने 6 महीने के बच्चे के साथ पति और परिवार की ओर से सड़कों पर छोड़ दी गई, अब 31 साल की उम्र में वर्कला पुलिस स्टेशन में सब इंस्पेक्टर बन गई है।’

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संघर्ष और दर्द भरी है एनी की कहानी

31 साल की एनी शिवा जब 18 साल की थीं तो पति ने छोड़ दिया। गोद में दुधमुंहे मासूम को लिए दर-दर की ठोकर खाने वाली एनी के सिर पर न छत थी और न ही पेट पालने के लिए कोई कमाई का साधन। मुश्किल हालात में परिवार ने भी आसरा देने से इनकार कर दिया।

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ऐसे मुश्किल वक्त में एनी ने हार नहीं मानी। उनके मन में कुछ और ही चल रहा था। एनी की रहने की चिंता दादी ने दूर कर दी। पेट पालने के लिए उन्होंने वर्कला में पर्यटकों को नींबू पानी और आइसक्रीम बेचनी शुरू की। कुछ दिन उन्होंने यहां हस्त-शिल्प से जुड़े सामान भी बेचे। उन्होंने अपने संघर्षों के बीच अपने सपने को जीना नहीं छोड़ा और आज वे 31 साल की उम्र में वर्कला पुलिस स्टेशन की सब इंस्पेक्टर बन गई हैं। 

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अपनी कामयाबी के बारे में बात करते हुए एनी ने कहा कि मुझे पता चला कि कुछ दिन पहले ही मेरी पोस्टिंग वर्कला थाने में हुई है, ये एक ऐसी जगह है जहां मैंने अपने बच्चे शिवासूर्या के साथ आंसू बहाए हैं, मेरा साथ देने वाला कोई नहीं था।

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वर्कला शिवगिरी आश्रम के स्टॉलों पर मैंने नींबू पानी, आइसक्रीम से लेकर हस्तशिल्प के सामान बेचे, लेकिन सब कुछ फ्लॉप हो गया। तब एक इंसान ने मुझे पुलिस सेवा की तैयारी करने की सलाह दी, साथ ही उन्होंने इसके लिए मेरी सहायता भी की।

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एनी के रिश्तेदारों ने उन्‍हें पुलिस अफसर की जॉब के लिए अप्‍लाई करने को प्रेरित किया। उन्होंने कुछ पैसे भी उधार दिए। 2016 में एनी पुलिस अफसर बनी थीं। हालांकि, तीन साल बाद उन्‍होंने सब इंस्‍पेक्‍टर की परीक्षा पास की। डेढ़ साल की ट्रेनिंग के बाद शनिवार को उन्‍होंने प्रोबेशनरी पुलिस सब इंस्‍पेक्‍टर का पदभार संभाला।