अयोध्या : Swami Prasad Maurya : समाजवादी पार्टी (सपा) के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले दिनों श्रीरामचरित मानस और तुलसीदास पर दिए आपत्तिजनक के बाद से ही चर्चा में बने हुए है। रामचरितमानस पर अपनी टिप्पणी के बाद से मौर्य विवादों में घिर गए हैं। उनकी इस टिप्पणी के बाद समाजवादी पार्टी के ब्राह्मण नेताओं ने स्वामी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। वहीं अब इस मामले में अयोध्या में तपस्वी छावनी के प्रधान पुजारी महंत परमहंस दास की भी एंट्री हो गई है।
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Swami Prasad Maurya : अयोध्या में तपस्वी छावनी के प्रधान पुजारी महंत परमहंस दास ने समाजवादी पार्टी (सपा) के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर कलम करने के लिए इनाम देने की घोषणा की है। महंत ने हाल ही में रामचरितमानस पर टिप्पणी के लिए बिहार के मंत्री चंद्रशेखर की जीभ काटने वाले को 10 करोड़ रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की थी।
Swami Prasad Maurya : दोनों नेताओं की इस टिप्पणी से हिंदू धर्मगुरुओं में नाराजगी है और बीजेपी ने मौर्य को पार्टी से बर्खास्त करने की मांग की है। इस बीच तुलसीदास के रामचरितमानस के कुछ चौपाइयों पर सवाल उठाने पर सपा नेता मौर्य ने अपने सिर पर इनाम की घोषणा करने के लिए महंतों को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा, अगर किसी अन्य धर्म के किसी व्यक्ति ने इस तरह की घोषणा की होती, तो उसे आतंकवादी करार दिया जाता। अब अगर संत और महंत मेरे सिर पर इनाम की घोषणा कर रहे हैं, तो क्या उन्हें आतंकवादी नहीं कहा जाना चाहिए?
Swami Prasad Maurya : रामचरितमानस में कुछ चौपाइयों पर अपने बयान को दोहराते हुए मौर्य ने कहा, क्या मैंने कुछ गलत कहा है कि मुझे अपना बयान वापस लेना चाहिए? मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं, लेकिन किसी भी धर्म या किसी व्यक्ति का अपमान करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। मेरी मांग केवल यह है कि महिलाओं, आदिवासियों, दलितों और पिछड़े वर्गों के प्रति अपमानजनक कुछ छंदों को हटा दिया जाना चाहिए।