नई दिल्ली: अर्थशास्त्र के क्षेत्र में भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी, उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो और माइकल क्रेमर को नोबल पुरस्कार से नवाजा जागया है। तीनों को ‘वैश्विक गरीबी खत्म करने के प्रयोग’ के उनके शोध के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। बता दें इससे पहले साल 1998 में भारतीय मूल के अमर्त्य सेन को अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार दिया गया था।
गौरतलब है कि अभिजीत बनर्जी अमेरिका में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। बनर्जी और उनकी पत्नी डफलो अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी ऐक्शन लैब के को-फाउंडर भी हैं।
ज्ञात हो कि अभिजीत बनर्जी का जन्म 21 फरवरी 1961 को कोलकाता में हुआ था। अभिजीत के पिता दीपक बनर्जी प्रेसीडेंसी कॉलेज में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर थे और उनकी माता निर्मला बनर्जी कोलकाता के सेंटर फॉर स्टडीज इन सोशल साइंसेज की प्रोफेसर थीं।
<blockquote class=”twitter-tweet” data-lang=”en”><p lang=”en” dir=”ltr”>The <a href=”https://twitter.com/hashtag/NobelPrize?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#NobelPrize</a> for Economic Sciences has been awarded to Abhijit Banerjee, Esther Duflo and Michael Kremer “for their experimental approach to alleviating global poverty.” <a href=”https://t.co/PFZAr1l9P7″>pic.twitter.com/PFZAr1l9P7</a></p>— ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1183682238208069632?ref_src=twsrc%5Etfw”>October 14, 2019</a></blockquote>
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अभिजीत ने प्राथमिक शिक्षा से स्नातक तक की पढ़ाई कोलकाता में हुई। इसके बाद वे 1983 में इकोनॉमिक्स से एमए जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सटी से किया। बाद में 1988 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की।
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