सर्वेक्षण में ज्यादातर लोग भारत में धूम्रपान मुक्त सार्वजनिक स्थानों के पक्ष में हैं

सर्वेक्षण में ज्यादातर लोग भारत में धूम्रपान मुक्त सार्वजनिक स्थानों के पक्ष में हैं

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  • Publish Date - October 24, 2024 / 05:16 PM IST,
    Updated On - October 24, 2024 / 05:16 PM IST

नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) एक सर्वेक्षण में लगभग 93 प्रतिशत लोगों ने सार्वजनिक स्थानों को पूरी तरह धूम्रपान मुक्त बनाने का समर्थन किया है जबकि 97 प्रतिशत ने रेलवे स्टेशनों की तरह हवाई अड्डों को भी पूरी तरह धूम्रपान मुक्त घोषित करने की वकालत की है।

नागरिक-केंद्रित पहल ‘‘तम्बाकू मुक्त भारत’’ के तहत हाल में कराए गए सर्वेक्षण में 65,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। सर्वेक्षण में भारतीयों के बीच धूम्रपान के हानिकारक प्रभावों के बारे में बढ़ती चिंता को उजागर किया गया है।

सर्वेक्षण से पता चला है कि आश्चर्यजनक रूप से 92.72 प्रतिशत उत्तरदाता सार्वजनिक स्थानों को पूरी तरह धूम्रपान मुक्त बनाने के पक्ष में हैं।

हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में किए गए इस सर्वेक्षण में धूम्रपान मुक्त सार्वजनिक स्थानों और धूम्रपान से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में छह प्रमुख प्रश्न शामिल थे। सभी प्रश्नों में, ज्यादातर लोगों ने सार्वजनिक क्षेत्रों जैसे कि रेस्तरां, होटल और हवाई अड्डों पर महिलाओं, बच्चों और अन्य कमजोर समूहों को जहरीले तंबाकू के धुएं के संपर्क में आने से बचाने के लिए सख्त उपायों का समर्थन किया।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में रुमेटोलॉजी विभाग की प्रमुख डॉ. उमा कुमार ने कहा, ‘‘सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (सीओटीपीए), 2003 सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाता है, लेकिन यह अभी भी हवाई अड्डों, 30 या अधिक कमरों वाले होटलों और 30 से अधिक लोगों की क्षमता वाले रेस्तरां में धूम्रपान के लिए निर्दिष्ट क्षेत्रों की अनुमति देता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह स्थिति जन स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा बनी हुई है। वैज्ञानिक साक्ष्यों ने स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया है कि धूम्रपान न करने वाले लोग हानिकारक विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आ सकते हैं और उनमें विभिन्न बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।’’

यह सर्वेक्षण दो अक्टूबर से 19 अक्टूबर के बीच ‘एक्स’ पर आयोजित किया गया था, जिसमें 65,272 प्रतिभागी शामिल थे।

अंतरराष्ट्रीय पहलवान संग्राम सिंह ने कहा कि भारत ने तंबाकू नियंत्रण में महत्वपूर्ण प्रगति की है। रेलगाड़ियों, प्लेटफार्मों और स्टेशन परिसरों में धूम्रपान पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया है। उन्होंने कहा कि साथ ही रेलवे परिसरों में तंबाकू उत्पादों की बिक्री या ले जाने पर प्रतिबंध लगाया है लेकिन हवाई अड्डों पर धूम्रपान क्षेत्रों की मौजूदगी चिंता का विषय बनी हुई है।

प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. कर्नल शेखर कश्यप ने कहा, ‘‘निकोटीन एक अत्यधिक खतरनाक और लत लगाने वाला पदार्थ है, जो हृदय स्वास्थ्य और समग्र स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सेवन किया गया निकोटीन समान रूप से हानिकारक है और इससे कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं।’’

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार प्रत्येक वर्ष लगभग 13 लाख भारतीय तम्बाकू से संबंधित बीमारियों के कारण मरते हैं, जिससे यह एक बड़ा स्वास्थ्य संकट बन गया है।

भाषा

देवेंद्र मनीषा

मनीषा