भरतपुर। भरतपुर के मथुरा गेट थाने में रविवार को एक महिला ने एक विशेष जज और उनके दो कर्मचारियों के खिलाफ अपने 14 साल के नाबालिग बेटे के साथ कुकृत्य करने का मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने बच्चे के साथ सामूहिक कुकर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। महिला के आरोप लगाए जाने के बाद देर शाम जोधपुर हाईकोर्ट ने आरोपी मजिस्ट्रेट जितेंद्र गुलिया को निलंबित कर दिया।
ये भी पढ़ें: राष्ट्रपति ने आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, केरल के स्थापना दिवस पर बधाई दी
महिला का कहना है कि मजिस्ट्रेट बच्चे को डरा-धमका कर डेढ़ महीने से उसके साथ कुकर्म कर रहा था। दो दिन पहले इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद उसने पुलिस के पास जाने का फैसला किया। महिला ने बताया कि उसका 14 साल का बच्चा शहर के कंपनी बाग स्थित डिस्ट्रिक्ट क्लब में टेनिस खेलने जाता है। क्लब में भरतपुर के कई अधिकारी और भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट के विशेष न्यायाधीश जितेंद्र गुलिया भी आते थे। उन्होंने पहले बच्चे से जान-पहचान बढ़ाई और फिर उसे अपने घर ले जाने लगे।
ये भी पढ़ें: कृषि कानूनों को 26 नवंबर तक रद्द करें, नहीं तो दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन तेज़ किया जाएगा: टिकैत
एक दिन मजिस्ट्रेट जितेंद्र गुलिया ने बच्चे को अपने घर ले जाकर उसकी कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाया। जब बच्चा बेहोश हो गया तो उन्होंने उसके साथ कुकर्म किया। इतना ही नहीं मजिस्ट्रेट ने बच्चे के साथ अश्लील वीडियो भी बना लिया। जब बच्चे को होश आया तो उन्होंने उसका अश्लील वीडियो दोस्तों को दिखाकर बदनाम करने की धमकी दी। साथ ही कहा कि तेरे बड़े भाई को जेल भिजवा दूंगा और तेरी मां के साथ भी गलत काम करूंगा।
ये भी पढ़ें: आईआईटी इंदौर ने बाहरी विद्यार्थियों के लिए खोले अपनी अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं के किवाड़
महिला ने बताया कि उनका बच्चा पिछले डेढ़ महीने से गुमसुम रहने लगा था। 28 अक्टूबर को मजिस्ट्रेट जितेंद्र गुलिया बच्चे को छोड़ने के लिए उसके घर पहुंचे। घर की बालकनी में बच्चे की मां खड़ी हुई थीं। घर पहुंचने के बाद मजिस्ट्रेट ने बच्चे को किस किया और उसे घर के बाहर छोड़कर चले गए। यह सब बच्चे की मां ने देख लिया, जिस पर मां ने बच्चे से सख्ती से पूछताछ की। तब बच्चे ने अपनी मां से कहा कि ये बहुत खतरनाक लोग हैं। यह कभी भी भैया को जेल भिजवा सकते हैं। हम सभी को मरवा सकते हैं। पुलिस इनके इशारे पर काम करती है, ऐसा कह बच्चा रोने लगा।
ये भी पढ़ें: उज्जैन में PFI के 6 सदस्य गिरफ्तार, साम्प्रदायिक तनाव फैलाने का आरोप
पूछताछ में बच्चे ने मां से बताया कि मजिस्ट्रेट जितेंद्र गुलिया उसे शराब पिलाते हैं। जूस में कोई नशीली चीज मिलाकर देते हैं। फिर कपड़े उतारकर मेरे साथ गलत काम करते हैं। यह सब करने से मना करने पर धमकियां देते हैं। बच्चे ने बताया कि मजिस्ट्रेट के साथ रहने वाले दो लोग अंशुल सोनी और राहुल कटारा ने भी उसके साथ कुकर्म किया है।
ये भी पढ़ें: नए ऑर्डर, उत्पादन में तेजी से अक्टूबर में विनिर्माण गतिविधियों को और मजबूती मिली
बच्चे की मां ने बताया कि जब उन्होंने बच्चे को खेलने के लिए नहीं भेजा तो 29 तारीख को उनके घर अंशुल सोनी, राहुल कटारा और एसीबी के सीओ परमेश्वर लाल यादव कुछ पुलिसकर्मियों को अपने साथ लेकर आए। घर पर पहुंचे अधिकारियों ने महिला को धमकी दी कि वह बच्चे को जज के पास भेज दे, नहीं तो वह सभी को जेल भिजवा देंगे। जब महिला ने बच्चे को भेजने से मना किया तो उन्होंने गाली गलौज किया।
मजिस्ट्रेट ने 30 तारीख को राहुल कटारा को बच्चे के घर भेजा। राहुल कटारा ने माफी मांगते हुए कहा कि आगे से ऐसी गलती नहीं होगी। कुछ देर बाद अंशुल सोनी भी बच्चे के घर पहुंच गया। उसने भी बच्चे की मां और बच्चे से माफी मांगी। इसके बाद दोपहर में मजिस्ट्रेट गुलिया बच्चे के घर पहुंचे। उन्होंने भी बच्चे से माफी मांगी और आगे से कुछ भी करने से मना किया। इस दौरान बच्चे के घरवालों ने मजिस्ट्रेट का माफी मांगते हुए वीडियो बना लिया, जिसे उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।