CG Naxal Victims Visit JNU
नई दिल्ली : CG Naxal Victims Visit JNU : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल रंग लाई है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र से करीब 70 नक्सल पीड़ित आज दिल्ली पहुंचे। इस दौरान नक्सल प्रभावित ग्रामीण JNU पहुंचे और वहाँ माओवाद- नक्सलवाद मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। नक्सल प्रभावित ग्रामीणों ने नक्सलवाद की कब्र खुदेगी JNU की धरती पर जैसे नारे लगाए। ग्रामीणों ने कहा – नक्सलवाद से तोड़ोगे हम राष्ट्रवाद से जोड़ेंगे।
वहीं, दूसरी तरफ JNU जाने से पहले ग्रामीणों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री शाह ने सब की व्यथा और चुनौतियों की दर्दनाक कहानी को सुना, जिसके बाद वह भावुक भी हुए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार दो साल के अंदर नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त कर शांति स्थापित करने के लिए संकल्पित है।
नक्सलियों ने अपने फायदे के लिए अनेक लोगों के अधिकारों को तो छीना ही, साथ ही उनकी हिंसा, उनकी IED, उनकी गोलियों और बारूदों ने कई लोगों को मौत के घाट उतारा या जीवन भर के लिए दिव्यांग बना दिया।
सुरक्षा बलों के द्वारा मारे गए उग्रवादियों के ह्यूमन राइट्स की बात करने वाले लोगों को… pic.twitter.com/r2VVahrGUK
— Amit Shah (@AmitShah) September 20, 2024
CG Naxal Victims Visit JNU : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के अवलम मारा ने 22 फरवरी 2017 को माओवादी प्रेशर बम के विस्फोट में अपना बायाँ पैर गंवा दिया। अवलम जंगल में बाँस काटने के लिए गया था, जब यह हादसा हुआ। जैसे ही उसने बम पर पैर रखा, तेज धमाका हुआ और उसका पैर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इस हादसे ने उसे जीवनभर के लिए बैसाखी के सहारे जीने को मजबूर कर दिया। यह घटना माओवादियों की हिंसा का एक और दर्दनाक उदाहरण है, जिसने अवलम के जीवन को पूरी तरह से बदल कर रख दिया। अब वह कठिन आर्थिक स्थितियों का सामना कर रहा है, क्योंकि वह अपने परिवार के लिए आजीविका का मुख्य स्रोत था।
नारायणपुर जिले की 13 वर्षीय राधा सलाम 18 दिसंबर 2013 को माओवादी विस्फोट का शिकार हुई। राधा अपने चचेरे भाई के साथ खेलते हुए एक चमकदार वस्तु उठाने गई थी, जो दरअसल माओवादियों द्वारा लगाए गए बम का हिस्सा था। बम को उठाते ही धमाका हुआ, जिससे राधा ने अपनी एक आँख खो दी और उसके चेहरे पर गंभीर घाव हो गए। यह हादसा राधा और उसके परिवार के लिए बेहद कठिनाईपूर्ण साबित हुआ, क्योंकि उसकी माँ पहले ही निधन हो चुका था और अब उसके पिता को उसकी देखभाल करनी पड़ रही है। राधा की स्थिति देखकर स्थानीय प्रशासन ने उसे आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया है, लेकिन यह घटना अब भी उसे मानसिक और शारीरिक रूप से झकझोर रही है।
CG Naxal Victims Visit JNU : दंतेवाड़ा की भीमे मरकाम, जो अपने परिवार का पालन-पोषण पशुपालन से कर रही थीं, 9 नवंबर 2016 को माओवादी IED धमाके की शिकार हो गईं। इस हादसे में उन्होंने अपना बायाँ पैर खो दिया और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आईं। भीमे के लिए यह हादसा एक बहुत बड़ा झटका साबित हुआ, क्योंकि वह अपने परिवार के लिए मुख्य सहारा थीं। अब वह अपने जीवन और परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए संघर्ष कर रही हैं। स्थानीय प्रशासन ने उन्हें सहायता का भरोसा दिया है, लेकिन इस घटना ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है।
17 मई 2010 को माओवादियों ने एक यात्री बस पर हमला किया, जिसमें 15 निर्दोष ग्रामीण मारे गए और 12 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सुकमा जिले के निवासी दुधी महादेव इस हमले में अपने दाहिने पैर से हाथ धो बैठे। अन्य घायल यात्रियों में ममता गोरला भी थीं, जिनके शरीर पर गहरे घाव आए। यह हमला माओवादियों की हिंसा की एक और क्रूर घटना थी, जिसमें मासूम लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे। इन कहानियों ने वहाँ उपस्थित लोगों को गहराई से झकझोर दिया और नक्सली हिंसा के मानवीय चेहरे को उजागर किया।
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CG Naxal Victims Visit JNU : बस्तर में नक्सली हमलों और धमाकों में अपंग हुए लोगों ने नई दिल्ली में कल गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर आपबीती सुनाई। गृहमंत्री ने नक्सल पीड़ितों की समस्याओं पर गंभीरता दिखाई। उन्होंने इन लोगों के संघर्ष और साहस की प्रशंसा की। आश्वासन दिया कि सरकार उनकी समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रेरणा पर बस्तर क्षेत्र के लगभग 70 नक्सल पीड़ित परिवार शाह से मिले।