लाखों कमाने का मौका.. मोदी सरकार इस खेती के लिए देगी आधे पैसे, जानिए कैसे उठाए लाभ

लाखों कमाने का मौका.. मोदी सरकार इस खेती के लिए देगी आधे पैसे, जानिए कैसे उठाए लाभ

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  • Publish Date - February 26, 2021 / 09:42 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:59 PM IST

नई दिल्ली। देश में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बांस की खेती को प्रोत्साहन देने के लिए बड़ा ऐलान किया है। मंत्री ने उम्मीद जताई है कि इससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही इस फैसले से देश में रोजगार के अवसर भी बनेंगे।

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केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारत में बांस को लेकर अवसरों और चुनौतियों पर राष्ट्रीय परिचर्चा संबोधित किया। ​कहा कि सरकार बांस क्षेत्र के विकास के लिए जांच परख कर रही है। बांस की खेती से किसानों की आय निश्चित रूप से दोगुनी होगी। इसके साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। विशेषरूप से पूर्वोत्तर के लोगों की आजीविका में सुधार होगा। बता दें कि राष्ट्रीय बांस मिशन, नीति आयोग और इन्वेस्ट इंडिया ने दो दिन के कार्यक्रम आयोजित किया था।

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इसी तरह केंद्र सरकार किसानों के लिए नेशनल बैंबू मिशन योजना की भी शुरूआत की है। नेशनल बैंबू मिशन योजना के तहत आप बांस की खेती कर लाखों कमा सकते हैं। सरकार इस योजना के तहत खेती किसानी के लिए आधा पैसा देती है। योजना के अनुसार प्रति पौधा 120 रुपए सरकार की ओर से दिए जाएंगे।

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किसान अपनी जरूरत और प्रजाति के हिसाब से एक हेक्टेयर में 1500 से 2500 पौधे लगा सकते हैं। अगर आप 3 गुणा 2.5 मीटर पर पौधा लगाते हैं तो एक हेक्टेयर में करीब 1500 प्लांट लगेंगे। साथ में आप दो पौधों के बीच में बची जगह में दूसरी फसल उगा सकते हैं। 4 साल बाद 3 से 3.5 लाख रुपये की कमाई होने लगेगी। हर साल रिप्लांटेशन करने की जरूरत नहीं। क्योंकि बांस की पौध करीब 40 साल तक चलती है।

बता दें कि तीन साल में औसतन 240 रुपए प्रति प्लांट की लगात आएगी। जिसमें से 120 रुपए प्रति प्लांट सरकारी सहायता मिलेगी। नार्थ ईस्ट को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में इसकी खेती के लिए 50 फीसदी सरकार और 50 फीसदी किसान लगाएगा। 50 फीसदी सरकारी शेयर में 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी राज्य की हिस्सेदारी होगी। जबकि नार्थ ईस्ट में 60 फीसदी और 40 फीसदी किसान लगाएगा। 60 फीसदी सरकारी पैसे में 90 फीसदी केंद्र और 10 फीसदी राज्य सरकार का शेयर होगा।

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