नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद इकरा चौधरी ने देश में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव होने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत, बांग्लादेश और अन्य किसी भी देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की पहली जिम्मेदारी उस देश की है।
उन्होंने लोकसभा में ‘संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया कि इस सरकार में देश में अल्पसंख्यक अपनी मजहबी पहचान की वजह से निशाने पर हैं।
इकरा ने कहा कि संविधान के अनुसार किसी से भी धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि देश में, खासतौर पर उत्तर प्रदेश में नफरत भरे भाषण देने, बुलडोजर से घरों को गिराने की घटनाएं आम हैं।
इकरा ने संभल हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि ये घटनाएं इस बात का सबूत हैं कि सांप्रदायिक बैर को बढ़ावा देने वाले बयान समाज को खोखला कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नफरत भरे भाषण न केवल जनमानस के विचारों को प्रभावित करते हैं, बल्कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग भी इनसे प्रभावित हो रहे हैं।
सपा सांसद ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि ये घटनाएं हृदय को आहत करने वाली हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत हो या बांग्लादेश हो, हर देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की पहली जिम्मेदारी उस देश की सरकार की है।’’
आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर ने कुछ धर्म स्थलों पर सर्वे की पृष्ठभूमि में आरोप लगाया कि इस तरह की चीजों को सरकार प्रश्रय दे रही है।
आम आदमी पार्टी (आप) के मलविंदर सिंह कंग ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि सत्ता पक्ष की ओर से आज शहीद-ए-आजम, चंद्रशेखर आजाद को याद नहीं किया गया, बल्कि याद उन्हें किया गया, जिन्होंने अंग्रेजों से माफी मांगी।
उन्होंने सरकार द्वारा किसानों की जायज मांगों की अनदेखी किये जाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि देश के अन्नदाता आज रोड पर धूल फांक रहे हैं।
उन्होंने कहा कि किसान अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि सरकार उन्हें राष्ट्रविरोधी करार दे रही है।
कांग्रेस के हैबी ईडन ने चर्चा में हिस्सा लिया और कहा कि आज संविधान खतरे में है, इसलिए यह चर्चा ज्यादा जरूरी है।
उन्होंने संघ के मुखपत्र में प्रकाशित एक खबर का हवाला देते हुए कहा कि हमारे संविधान में भारतीयता जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे क्षेत्र की एक दलित स्नातक महिला संविधान सभा में शामिल थी, लेकिन हाथरस में दलित लड़की की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी जाती है।’’
उन्होंने कहा कि मोदी के पास (राज)‘कपूर’ के लिए समय है, मणि‘पुर’ के लिए नहीं।
भाषा वैभव सुरेश रंजन
रंजन