लखनऊ। देश के 24 राज्यों में धर्मांतरण का नेटवर्क फैला रखा था। जबरन धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार मोहम्मद उमर गौतम व जहांगीर के खिलाफ जांच में ये बात सामने आई है। फतेहपुर की एक शिक्षिका का विडियो भी सामने आया है जिसमें वह बता रही है कि पिछले वर्ष उमर और उसके साथियों ने जबरन धर्मांतरण कराने की कोशिश की थी। इस मामले में शिक्षिका की तरफ से स्कूल प्रबंधक के खिलाफ फतेहपुर में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी।
धर्मांतरण के विरोध पर निकाल दी गई शिक्षिका
उमर गौतम के गृह जनपद फतेहपुर के स्कूल नुरुल हुदा की एक शिक्षिका कल्पना सिंह का विडियो सामने आया है। इसमें उसने बताया कि बीते वर्ष उमर गौतम करीब 25 मौलानाओं के साथ स्कूल आया था। उस दौरान महिला टीचर पर मौलानाओं ने धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया था। स्कूल में हिन्दू बच्चों को उर्दू व अरबी पढ़ाई जाती थी, उसने जब इसका विरोध किया तो उसे स्कूल से निकाल दिया गया। शिक्षिका ने इस मामले में सदर कोतवाली में स्कूल प्रबंधक के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था।
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एडीजी एलओ प्रशांत कुमार ने बताया कि एटीएस और यूपी पुलिस धर्मांतरण से जुड़े सभी संगठनों की विस्तृत जांच कर रही है। एटीएस के अलावा खुफिया एजेंसियां भी इनके बारे में अपने स्तर से पड़ताल कर रही हैं। एडीजी ने बताया कि धर्मांतरण के सभी मामलों की जांच लगातार जारी है। जितने लोगों को धर्म परिवर्तन कराया गया है एटीएस और पुलिस की टीमें उनसे संपर्क कर रही हैं। उनके परिवार वालों से पुलिस लगातार संपर्क में हैं। उमर और जहांगीर से कस्टडी रिमांड पर लगातार पूछताछ की जा रही है और जल्द ही इस मामले में कुछ अहम खुलासे करने के साथ कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा।
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एटीएस की मुश्किलें बढ़ीं
धर्मांतरण मामले में यूपी एटीएस ने मोहम्मद उमर और जहांगीर को गिरफ्तार कर जेल जरूर भेज दिया है लेकिन उनके खिलाफ गवाह खड़ा करना काफी कठिन साबित हो रहा है। अभी तक एटीएस ने बरामद सूची में जितने भी लोगों से संपर्क किया है उनमें से ज्यादातर ने यह कहा है कि उन्होंने अपनी मर्जी से धर्मांतरण कराया।
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दरअसल उमर की संस्था के जरिए धर्मांतरण करने वाले ज्यादातर लोग उच्च या अच्छी शिक्षा हासिल किए हुए बालिग लोग हैं। वायरल सूची में भी ज्यादातर ऐसे हैं जिन्होंने अच्छे डिप्लोमा कोर्स या डिग्री हासिल की हुई है। सभी ने अपनी मर्जी से धर्मांतरण किए जाने के एफीडेबिट भी दिए हैं।
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इनमें से जितने भी लोगों से एटीएस ने संपर्क किया है उनमें से किसी ने जबरन धर्मांतरण का आरोप नहीं लगाया है। अभी तक एटीएस की पड़ताल में किसी तरह का टेरर एंगल भी सामने नहीं आया है। हालांकि सीएम योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में हर पहलू की गहनता से पड़ताल की जाए। देश की आस्था और सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों से सख्ती से निपटा जाए।
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इसी तरह सहारनपुर के प्रवीण कुमार का मामला सामने आया है। इस्लामिक दावा सेंटर द्वारा धर्मांतरण कराए जाने वालों की एक सूची वायरल हो रही है। इसमें प्रवीण कुमार का भी नाम और फोटो है, जबकि प्रवीण का कहना है कि उन्होंने कभी भी धर्म परिवर्तन कराया ही नहीं। प्रवीण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक किताब लिखकर चर्चा में आए थे। प्रवीण से एटीएस और जिला पुलिस के अधिकारियों ने संपर्क किया है। प्रवीण कुमार ने आशंका जताई है कि ये फर्जी धर्मांतरण की कवायद विदेशी फंडिंग जुटाने के लिए की गई है।