लखनऊ। तीन तलाक बिल पास हुए अभी चंद घंटे ही बीते हैं लेकिन इसका सीधा असर दिखने लगा है। कुछ ऐसे उदाहरण देखने को मिल रहे हैं जिससे कुछ परिवारों के उजड़े हुए घर बसने शुरू हो गए हैं। इस कानून ने कहीं पर मुस्लिम महिलाओं को सशक्त किया है उनके अधिकार बताने का काम किया है तो कहीं शौहर को साथ रहने के लिए मजबूर भी कर दिया।
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जानकारी के अनुसार सालों से परेशान चल रही मलिहाबाद के चौधराना निवासी मुस्लिम युवती बुधवार सुबह 6 बजे बांगरमऊ स्थित ससुराल पहुंच गई। शौहर ने उसे घर से निकालने की कोशिश की तो युवती ने कानूनी अधिकार दिखाते हुए कहा कि अब तलाक देकर दिखाओ,सीधे जेल भेजेंगे। इसके बाद वह बिना डरे अपने बच्चों के साथ ससुराल में रहने लगी। युवती का निकाह 7 साल पहले हुआ था, उसके तीन बच्चे भी हैं। युवती के मुताबिक उसका शौहर आए दिन मारपीट करता था और तीन तलाक देकर दो साल पहले घर से निकाल दिया था। मामले में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने समझौता करवाया, जिसके बाद दोनों एकसाथ रहने के लिए तैयार हो गए।
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एक अन्य मामले में इटौंजा के रहने वाले युवक ने महिला थाने की इंस्पेक्टर शारदा चौधरी से कहा कि ”मैडम! तलाक नहीं देना है बीवी और बच्चे को साथ घर ले जाएंगे। बीवी से मारपीट भी नहीं करेंगे और घर के खर्च का पैसा भी देंगे, यह सब लिखा पढ़ी में ले लीजिए।” इस पर इंस्पेक्टर ने महिला को बुलाकर उसकी मर्जी से दोनों का समझौता करवाया और राजीखुशी दोनों को घर भेज दिया। बाराबंकी की रहने वाली महिला के मुताबिक निकाह वर्ष 2015 में इटौंजा के रहने वाले युवक से हुआ था। एक साल बाद शौहर ने मारपीट शुरू कर दी थी। इसके बाद 28 जुलाई को तलाक की धमकी देकर घर से निकाल दिया था, जिसकी शिकायत महिला ने थाने में की थी। उसके बाद जब युवक को तीन तलाक बिल पास होने की खबर सुनी सीधा थाने पहुंचा। और समझौता के करके डेढ़ साल के बच्चे सहित बीबी को घर ले गया।
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