नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज (ILBS) में हुई एक स्टडी में इसका खुलासा हुआ है। डेल्टा वेरिएंट काफी संक्रामक है और यह दोनों प्रकार से बनी एंटीबॉडी को बाईपास करने की क्षमता रखता है।
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डॉक्टर के मुताबिक एंटीबॉडी के बाद जब संक्रमण हो जाए तो उसे ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन कहा जाता है। इस स्टडी में चौंकाने वाली बात यह थी कि सिंगल डोज वाले में भी संक्रमित मिले,
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दोनों डोज के बाद भी संक्रमण मिला और पहले संक्रमण फिर वैक्सीन लेने वाले भी संक्रमित हो गए। यानी तीनों स्तर पर एंटीबॉडी को कोविड का वेरिएंट बाईपास करता हुआ पाया गया।
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कोविड-19 का डेल्टा वेरिएंट नेचुरल एंटीबॉडी और वैक्सीनेशन से बनी एंटीबॉडी को बाईपास कर सकता है। दिल्ली में 10 पर्सेंट हेल्थकेयर वर्करों में ऐसे ब्रेक-थ्रू इन्फेक्शन मिले हैं, जिनमें पहले से एंटीबॉडी थी। यानी हर 10 में से एक वर्कर वैक्सीन के बाद भी संक्रमित हो गया।
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डॉ. एकता ने कहा कि जिन लोगों में ब्रेकथ्रू इन्फेक्शन मिला, उनमें डेल्टा वैरिएंट मिला है। जिससे यह साफ हो रहा है कि यह वेरिएंट बहुत ज्यादा संक्रामक था और यह हर तरह की एंटीबॉडी को बाईपास करने में सक्षम है।