तिरुवनंतपुरम, 29 नवंबर (भाषा) केरल की सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान पर ‘‘अपनी व्यक्तिगत पसंद के अनुसार कुलपतियों की नियुक्ति कर’’ उच्च न्यायालय के फैसले की अवहेलना करने और संविधान को चुनौती देने का आरोप लगाया।
माकपा के राज्य सचिव एम.वी. गोविंदन ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों के कामकाज को अस्थिर करने के उद्देश्य से यह किया।
गोविंदन ने दावा किया कि नौ अदालतों ने राज्यपाल के खिलाफ फैसला सुनाया है।
माकपा ने कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) से राज्यपाल के कार्यों पर अपना रुख स्पष्ट करने का आग्रह किया।
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘राज्यपाल के कार्यों के खिलाफ पूरे केरल में और परिसरों में प्रदर्शन होंगे।’’
राज्यपाल द्वारा तकनीकी और डिजिटल विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति किए जाने से यह विवाद हुआ है।
माकपा ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने ये नियुक्तियां करते समय उच्च न्यायालय के निर्देशों को नजरअंदाज किया है।
गोविंदन ने आरोप लगाया कि राज्यपाल ने कुलपतियों की नियुक्ति कर न्यायालय के उस निर्देश की अवहेलना की है, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए नामों की सूची पर ही नियुक्तियां किए जाने के लिए कहा था।
भाषा प्रीति रंजन
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