अदालत ने अलग राज्य के लिए आंदोलन करने वालों को आरक्षण देने पर राज्य सरकार का रुख पूछा

अदालत ने अलग राज्य के लिए आंदोलन करने वालों को आरक्षण देने पर राज्य सरकार का रुख पूछा

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  • Publish Date - September 20, 2024 / 02:13 PM IST,
    Updated On - September 20, 2024 / 02:13 PM IST

नैनीताल, 20 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने अलग राज्य बनाने के लिए हुए आंदोलन में शामिल लोगों और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण के प्रावधान वाले कानून की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

राज्य विधानसभा द्वारा पारित उक्त विधेयक इस साल अगस्त में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह की मंजूरी के बाद कानून बन गया। इसमें अलग राज्य के लिए आंदोलन करने वालों और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।

उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रितू बहरी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा ने बृहस्पतिवार को जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और छह सप्ताह में जवाब देने को कहा।

अदालत ने सरकार से वो आंकड़े प्रस्तुत करने को भी कहा जिनके आधार पर आरक्षण का निर्णय लिया गया।

इस बीच, उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता से आदेश की एक प्रति राज्य लोक सेवा आयोग को देने को कहा ताकि मामले में आगे कार्रवाई की जा सके।

हालांकि, अदालत ने फिलहाल के लिए कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

देहरादून निवासी भुवन सिंह और अन्य ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की है। उन्होंने इसे अंसवैधानिक बताते हुए रद्द करने का अनुरोध किया है।

भाषा वैभव नरेश

नरेश