नई दिल्ली। Budget 2025 For Farmers : आम बजट की तैयारी चल रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। बजट से पहले अलग-अलग सेक्टर से जुड़े हुए लोग वित्त मंत्री से मिलकर अपनी मांग रख रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बार पेश होने वाला केंद्रीय बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की रुपरेखा तय करेगा। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के तहत हर वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले बजट पेश किया जाता है। यह किसी वित्तीय वर्ष में होने वाली आमदनी और खर्चों से जुड़ा दस्तावेज होता है। ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि यह बजट किसान फ्रेंडली होगा।
Budget 2025 For Farmers : किसान देश के कुल GDP में 15 फीसदी से ज्यादा योगदान देता है। यह 45 फीसदी से अधिक भारतीयों को रोजगार भी देता है। भारत के कृषि क्षेत्र ने पिछले पांच सालों में 4.18 फीसदी की औसत सालाना बढ़ोतरी दर हासिल की है। आंकड़े पहली नजर में भारतीय कृषि के लिए अच्छे नजर आते हैं। इस बार का बजट किसानों की किस्मत बदलने वाली बजट साबित हो सकता है।
किसानों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कई अहम मांगें रखीं हैं। इसमें एग्रीकल्चर लोन पर ब्याज दरों में कमी करने की मांग है। लोन पर ब्याज दर 1 फीसदी तक कम की जाए। PM-KISAN में सालाना किस्त को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये किया जाए। छोटे किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत शून्य प्रीमियम पर बीमा किया जाए। बीज, कृषि मशीनरी और उर्वरकों पर GST को कम किया जाए। PHD चैम्बर ऑफ कॉमर्स ने कीटनाशकों पर GST को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी करने की सिफारिश की है।
अगर किसानों के मुद्दों का हल समय रहते नहीं निकाला गया तो यह लंबे समय तक भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके कारण मोदी सरकार का 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना भी प्रभावित हो सकता है। इसी बीच सरकार ने जनवरी 2025 में डाई-अमोनियम फास्फेट (DAP) के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज के तहत DAP की कीमतों को स्थिर करने और ग्लोबल मार्केट में 3,500 रुपये प्रति टन का सब्सिडी दिया जाएगा। ऐसे में सरकार की यह कोशिश रहेगी की इन मुद्दो को इस बार के बजट में शामिल किया जाए।