8 फीसदी से ऊपर रह सकती है देश की आर्थिक विकास दर, सरकार आज करेगी आंकड़ों का एलान

country's economic growth rate : लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच एजेंसियों के अनुमानों में विकास दर को लेकर एक चौकाने वाली बात सामने आई है।

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  • Publish Date - May 31, 2022 / 05:12 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:46 PM IST

नई दिल्ली : country’s economic growth rate : लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच एजेंसियों के अनुमानों में विकास दर को लेकर एक चौकाने वाली बात सामने आई है। 2021-22 में देश की आर्थिक विकास दर 8 फीसदी से ऊपर रह सकती है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि विकास दर इससे कम है। जनवरी से मार्च की तिमाही में वृद्धि दर 3 फीसदी से ऊपर रहने की बात कही गई है। पहले इसने 7.8 फीसदी की बात कही थी।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

केंद्र सरकार आज सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) के आंकड़े जारी करेगी। रूस-यूक्रेन युद्ध और साथ ही कमोडिटी की कीमतों में तेजी से महंगाई के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की वजह से जीडीपी के पहले के सभी अनुमान घटा दिए गए हैं।

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राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय ने कहा बढ़ सकती है विकास दर

country’s economic growth rate :  राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय ने कहा है कि 2021-22 में जीडीपी की विकास दर 8.9 फीसदी रह सकती है। पहले इसका अनुमान 9.2 फीसदी का था। इसने 30 बीपीएस की कमी की है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अप्रैल की अपनी नीतिगत बैठक में ने कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था 7.2 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। पहले का अनुमान 7.8 फीसदी का था।

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ये है वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स का अनुमान

country’s economic growth rate :  वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) ने कहा है कि 2021-22 में भारत की जीडीपी 8.9 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। जबकि अंतरराष्ट्रीय मौद्रिक कोष (आईएमएफ) का अनुमान है कि 8.2 फीसदी की वृद्धि दर रह सकती है। रेटिंग एजेंसी फिच ने भी 8.5 फीसदी की दर से अर्थव्यवस्था के बढ़ने का अनुमान जताया है।

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एसबीआई के मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा ये

देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई के मुख्य अर्थशास्त्री सौम्यकांति घोष ने कहा कि 2021-22 में देश की विकास दर 8.5 फीसदी रह सकती है। पहले इन्होंने 9.3 फीसदी का अनुमान लगाया था। यानी अब इसमें 80 बीपीएस की कमी की गई है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने भी कहा है कि सालाना आधार पर भारत की जीडीपी 8.5 फीसदी रह सकती है।

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सभी एजेंसियों का अनुमान आरबीआई से ज्यादा

जितनी भी एजेंसियों ने अब तक जीडीपी की विकास दर का अनुमान लगाया है, वह आरबीआई के अनुमान से करीबन एक फीसदी ज्यादा है। हालांकि एनएसओ का अनुमान इन सभी एजेंसियों के अनुमान से मेल खाता है। इससे पहले 2020-21 में देश की जीडीपी में 7.3 फीसदी की गिरावट आई थी। 2019-20 में यह 4 फीसदी की दर से बढ़ी थी। ऐसे में पिछले तीन सालों में इस बार सबसे ज्यादा विकास दर रहने की उम्मीद है।

तिमाही आधार पर ऐसे रह सकती है विकास दर

एजेंसी विकास दर
इक्रा 3.5
केयर 4.4
इंडिया रेटिंग 5.0
बार्कलेज 3.7
एचडीएफसी 4.9
कोटक महिंद्रा 4.6
क्रिसिल 4.5
एसबीआई 2.7
एनएसओ 4.8