आतंकवाद और विस्तारवाद को देश मुंहतोड़ जवाब दे रहा है, लाल किले के प्राचीर से पीएम मोदी ने क्या-क्या बातें कहीं.. जानिए

आतंकवाद और विस्तारवाद को देश मुंहतोड़ जवाब दे रहा है, लाल किले के प्राचीर से पीएम मोदी ने क्या-क्या बातें कहीं.. जानिए

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  • Publish Date - August 15, 2020 / 03:28 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:23 PM IST

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से तिरंगा फहराकर देश के नाम अपने संबोधन में कई बड़ी बातों का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि आज दुनिया के बीच देश की धाक बनी है। पीएम ने पड़ोसी देशों का नाम लिए बगैर ही दोनों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि देश आज आतंकवाद और विस्तारवाद को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है।

 

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प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आज जो हम स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों का त्याग, बलिदान और मां भारती को आज़ाद कराने के लिए समर्पण है। आज ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों का, आज़ादी के वीरों का, वीर शहीदों का नमन करने का ये पर्व है। कोरोना के समय में कोरोना वॉरियर्स जैसे- डॉक्टर्स, नर्से, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी इत्यादि लोगों को मैं आज नमन करता हूं।

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आज़ादी का पर्व हमारे लिए आज़ादी के वीरों को याद करके नए संकल्पों की ऊर्जा का एक अवसर होता है। ये हमारे लिए नई उमंग, उत्साह और प्रेरणा लेकर आता है। अगला आज़ादी का पर्व जब हम मनाएंगे, तब हम 75 वें वर्ष में प्रवेश करेंगे। तो ये हमारे लिए बहुत बड़ा अवसर है। गुलामी के इतने लंबे कालखंड में कोई भी पल ऐसा नहीं था कि आज़ादी की इच्छा को लेकर के किसी ने प्रयास, जंग, त्याग न किया हो। एक प्रकार से जवानी जेलों में खपा दी। ऐसे वीरों को हम नमन करते हैं।

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कोरोना महामारी के बीच 130 करोड़ देशवासियों ने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया। आत्मनिर्भर भारत देशवासियों के मन-मस्तिष्क में छाया है। ये आज सिर्फ शब्द नहीं रहा, बल्कि 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है। सिर्फ कुछ महीना पहले तक N-95 मास्क, PPE किट, वेंटिलेटर ये सब हम विदेशों से मंगाते थे। आज इन सभी में भारत, न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है, बल्कि दूसरे देशों की मदद के लिए भी आगे आया है।

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वोकल फॉर लोकल, री-स्किल और अप-स्किल का अभियान, गरीबी की रेखा के नीचे रहने वालों के जीवनस्तर में आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था का संचार करेगा। देश के जो 40 करोड़ जनधन खाते खुले हैं, उसमें से लगभग 22 करोड़ खाते महिलाओं के ही हैं। कोरोना के समय में अप्रैल-मई-जून, इन तीन महीनों में महिलाओं के खातों में करीब-करीब 30 हज़ार करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए गए हैं।