कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से कंधमाल के गांव का दौरा करने का आग्रह किया |

कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से कंधमाल के गांव का दौरा करने का आग्रह किया

कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से कंधमाल के गांव का दौरा करने का आग्रह किया

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Modified Date: November 30, 2024 / 03:04 PM IST
Published Date: November 30, 2024 3:04 pm IST

भुवनेश्वर, 30 नवंबर (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्रीकांत जेना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कंधमाल जिले के मंडीपांका गांव का दौरा करने का आग्रह किया, जहां कथित तौर पर खाद्यान्न की कमी के कारण आम की गुठली पीसकर खाने से तीन आदिवासी महिलाओं की मौत हो गई थी।

प्रधानमंत्री शुक्रवार से ओडिशा के तीन दिवसीय दौरे पर हैं, जहां वह अखिल भारतीय पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक सम्मेलन में भाग लेंगे।

जेना ने इससे पहले कांग्रेस की तथ्यान्वेषी टीम के साथ कंधमाल जिले के मंडीपांका गांव का दौरा किया था, जहां तीन आदिवासी महिलाओं की मौत हो गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों ने खाद्यान्न की कमी के कारण आम की गुठली का सेवन किया।

जेना ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि आप एक दिन मंडीपांका गांव का दौरा करें, ताकि आप खुद देख सकें कि किस तरह आदिवासी लोग पूरी तरह से उपेक्षा में जी रहे हैं। यह दौरा उनके संघर्षों को उजागर करेगा और इन मुद्दों के समाधान के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित करेगा।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रभावित गांव का दौरा करने के बाद ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें जमीनी हालात से अवगत कराया। पार्टी ने राज्यपाल से कंधमाल का दौरा करने का अनुरोध किया है। जेना ने पत्र में कहा कि राज्यपाल ने अभी तक प्रभावित क्षेत्र का दौरा नहीं किया है।

जेना ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में खाद्यान्न की भारी कमी के कारण लोगों को आम की गुठली खानी पड़ी, जो सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत खाद्यान्न वितरण व्यवस्था के ध्वस्त होने का प्रत्यक्ष परिणाम है।

कांग्रेस नेता ने पत्र में कहा, ‘‘अगर खाद्य आपूर्ति समय पर जारी की गई होती, तो इस दुखद घटना को रोका जा सकता था।’’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने इस क्षेत्र में मनरेगा को लागू नहीं किया है, जिसके कारण युवा अन्य स्थानों पर पलायन करते हैं।

उन्होंने कहा कि कंधमाल के जिलाधिकारी ने घटना के एक सप्ताह बाद प्रभावित गांव का दौरा किया, लेकिन ओडिशा के खाद्य आपूर्ति मंत्री या मुख्यमंत्री ने अभी तक प्रभावित आदिवासी गांव का दौरा नहीं किया है।

भाषा आशीष सिम्मी

सिम्मी

 

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