कोलकाता, 29 अगस्त (भाषा) पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य विधानसभा का दो-दिवसीय विशेष सत्र दो सितम्बर से आहूत किया है, ताकि बलात्कार के दोषियों को मृत्युदंड के प्रावधान वाले विधेयक को पेश और पारित किया जा सके। यह जानकारी संसदीय कार्य मंत्री सोवनदेब चट्टोपाध्याय ने दी।
विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि विधेयक को विशेष सत्र के दूसरे दिन (मंगलवार को) चर्चा और पारित करने के लिए पेश किया जाएगा।
यह कदम मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उस घोषणा के एक दिन बाद उठाया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि बलात्कार के दोषियों को मृत्युदंड सुनिश्चित करने के लिए मौजूदा कानूनों में संशोधन संबंधी विधेययक अगले सप्ताह राज्य विधानसभा में पारित किया जाएगा।
इस महीने की शुरुआत में कोलकाता में सरकारी आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना ने पश्चिम बंगाल में सामाजिक और राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है।
अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मुझे अभी तक विधेयक के शीर्षक के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन इसे सदस्यों द्वारा चर्चा और पारित करने के लिए मंगलवार को पेश किया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक हम दो-दिवसीय विशेष सत्र बुला रहे हैं, जिसे अतिरिक्त कार्य शामिल किए जाने पर बढ़ाया जा सकता है।’’
राज्य विधानसभा के मानसून सत्र का सत्रावसान पांच अगस्त को कर दिया गया था।
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि राज्य का यह विधेयक बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामलों के लिए ‘भारतीय न्याय संहिता में परिकल्पित न्याय प्रक्रिया को तेज करेगा’।
चट्टोपाध्याय ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘बीएनएस में न्याय और सजा के मौजूदा प्रावधान लंबे समय से चले आ रहे हैं। हम उस प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा करना चाहते हैं।’
उन्होंने कहा कि विधेयक पारित होने के बाद राज्यपाल को उनकी स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘अगर राज्यपाल विधेयक पर हस्ताक्षर करने और कानून बनाने से इनकार करते हैं तो हमें अपने अगले कदम के बारे में सोचना होगा।’
मुख्यमंत्री ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद की स्थापना दिवस रैली में कहा था कि अगर राज्यपाल संशोधित विधेयक को मंजूरी देने में देरी करते हैं या इसे राष्ट्रपति के पास अनुमोदन के लिए भेजते हैं तो वह यहां राजभवन के बाहर धरने पर बैठेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित धरने में महिलाएं अपने भाइयों के साथ सबसे आगे रहेंगी।
भाषा सुरेश अविनाश
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