बंगाल वन विभाग ने बाघिन ‘जीनत’ को मानव बस्तियों में घुसने से रोकने के लिए नायलॉन का जाल लगाया

बंगाल वन विभाग ने बाघिन ‘जीनत’ को मानव बस्तियों में घुसने से रोकने के लिए नायलॉन का जाल लगाया

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  • Publish Date - December 25, 2024 / 08:03 PM IST,
    Updated On - December 25, 2024 / 08:03 PM IST

कोलकाता, 25 दिसंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल वन विभाग ने बाघिन ‘जीनत’ को निकटवर्ती मानव बस्तियों में घुसने से रोकने के लिए पुरुलिया जिले के बंदवान वन क्षेत्र के किनारे एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में नायलॉन का जाल लगाया है।

वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि दो सप्ताह पहले ओडिशा के सिमिलिपाल आरक्षित वन क्षेत्र (एसटीआर) से भटककर पहुंची बाघिन इस समय पुरुलिया जिले में है और उसे पकड़ने के प्रयास जारी हैं।

मुख्य वन संरक्षक एस कुलंदैवेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि बाघिन को आखिरी बार बंदवान वन क्षेत्र के भीतर एक पहाड़ी के पास कंटीली झाड़ियों में देखा गया था।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने बाघिन को निकटवर्ती मानव बस्तियों में जाने से रोकने के लिए एक वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में नायलॉन का जाल लगा दिया है और स्थानीय ग्रामीणों को उसकी मौजूदगी के बारे में सूचित कर दिया है।’’

उन्होंने कहा कि रेडियो कॉलर की मदद से उसकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि कुछ स्थानों पर तीन ‘ट्रैंक्विलाइजिंग’ दलों को तैनात किया गया है।

कुलंदैवेल ने बताया कि जाल लगाने का काम सुंदरबन बाघ अभयारण्य के कर्मियों द्वारा किया गया है, जिन्हें इस मामले में विशेषज्ञता हासिल है।

उन्होंने कहा, ‘‘ओडिशा वन विभाग के दल भी जीनत की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।’’

मुख्य वन्यजीव वार्डन देबल रॉय ने कहा, ‘‘उसकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर स्मार्ट कैमरे लगाए जा रहे हैं।’’

‘जीनत’ छह दिन पहले झारखंड से पश्चिम बंगाल पहुंची थी और तीन दिन तक झारग्राम तथा पश्चिमी मेदिनीपुर जिलों में घूमने के बाद वह पुरुलिया पहुंची। अभी तक उसने सिमिलिपाल में अपने मूल प्रवास स्थान पर वापस लौटने का कोई संकेत नहीं दिया है।

भाषा

देवेंद्र नेत्रपाल

नेत्रपाल