गिलियन-बैरे सिंड्रोम के प्रसार के कारण की पहचान के लिए नमूनों का परीक्षण कर रहे हैं: आईसीएमआर प्रमुख

गिलियन-बैरे सिंड्रोम के प्रसार के कारण की पहचान के लिए नमूनों का परीक्षण कर रहे हैं: आईसीएमआर प्रमुख

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  • Publish Date - January 29, 2025 / 12:40 AM IST,
    Updated On - January 29, 2025 / 12:40 AM IST

नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने मंगलवार को कहा कि पुणे में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के मामलों में हाल ही में हुई वृद्धि के कारण की अभी जांच की जा रही है।

उन्होंने कहा कि जीबीएस से संक्रमित लोगों के नमूनों की जांच की जा रही है ताकि बीमारी के प्रसार के कारण का पता लगाया जा सके।

उन्होंने कहा, ‘‘बहुत सारे नमूने लिए गए हैं और एनआईवी पुणे में उनकी जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि जीबीएस से संक्रमित होने से दो से छह सप्ताह पहले वे किस संक्रमण का शिकार हुए थे। अभी तक प्रसार के कारण के बारे में कोई निश्चित तथ्य हाथ नहीं लगा है।’’

भाषा खारी वैभव

वैभव