प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा कार्यकाल शुरू होने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बढ़ा : कांग्रेस

प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा कार्यकाल शुरू होने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद बढ़ा : कांग्रेस

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  • Publish Date - September 14, 2024 / 04:23 PM IST,
    Updated On - September 14, 2024 / 04:23 PM IST

श्रीनगर, 14 सितंबर (भाषा) कांग्रेस ने शनिवार को केंद्र सरकार पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों को रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया और दावा किया कि केंद्र-शासित प्रदेश में आतंकवाद और मजबूत होकर लौटा है, जबकि कई साल पहले इसका सफाया कर दिया गया था।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यहां पार्टी कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का तीसरा कार्यकाल शुरू होने के बाद 98 दिन में जम्मू-कश्मीर में 25 आतंकवादी हमले हुए हैं।

उन्होंने कहा, “बड़े-बड़े दावे किए गए थे कि अगस्त 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर में शांति कायम हो जाएगी। मैं 2014 या 2019 के बाद के समय की बात नहीं करूंगी, लेकिन मोदी को शपथ लिए हुए 98 दिन हुए हैं। पिछले 98 दिन में जम्मू-कश्मीर में 25 आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें 21 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए, जबकि 28 अन्य घायल हुए।”

श्रीनेत ने कहा कि इन आतंकवादी हमलों में केंद्र-शासित प्रदेश के 15 नागरिकों की भी जान चली गई, जबकि 47 लोग घायल हुए।

उन्होंने कहा, “इसका जवाब कौन देगा? जम्मू शांतिपूर्ण था, वहां आतंकवाद समाप्त हो गया था, लेकिन अब हम फिर से जम्मू के डोडा, रियासी और अन्य क्षेत्रों में आतंकवादी हमले देख रहे हैं।”

कांग्रेस प्रवक्ता ने शुक्रवार को जम्मू के किश्तवाड़ जिले में आतंकवादियों से मुठभेड़ में शहीद हुए दो जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री 2019 से शहीद जवानों को श्रद्धांजलि नहीं दे रहे हैं।

श्रीनेत ने कहा, “प्रधानमंत्री छोटे-छोटे मुद्दों पर ट्वीट करते हैं, यात्रा करने के लिए विश्व मानचित्र पर नये देशों की खोज करते हैं और लोगों को जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हैं, लेकिन 2019 के बाद से उन्होंने श्रद्धांजलि या सहानुभूति संदेश भेजना बंद कर दिया है। हमारे अधिकारियों और सैनिकों ने अपनी जान गंवाई, जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान मारे गए, लेकिन मोदी ने 2019 के बाद श्रद्धांजलि या सहानुभूति देते हुए एक शब्द नहीं कहा।”

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री का मीडिया और सोशल मीडिया अकाउंट देखें और पता लगाएं कि क्या उन्होंने ऐसे किसी एक हमले पर ध्यान दिया है। आप जम्मू-कश्मीर में हमारे सुरक्षा बलों के कर्मियों और पुलिसकर्मियों के सर्वोच्च बलिदान के लिए कम से कम उन्हें श्रद्धांजलि तो दे सकते हैं।”

श्रीनेत ने आरोप लगाया कि मोदी ने ऐसा न करने का फैसला किया, “क्योंकि वह दुनिया को बताना चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में सब कुछ ठीक है।”

उन्होंने दावा किया, “नहीं। सब कुछ ठीक नहीं है, क्योंकि जम्मू में आतंकवाद पूरी तरह से खत्म हो चुका था, लेकिन अब यह लौट आया है और आप (इसे लेकर) क्या कर रहे हैं? यह आपकी विफलता है।”

भाषा जोहेब पारुल

पारुल