टीटीडी को घी आपूर्ति की शर्तें वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान बदली गईं: चंद्रबाबू नायडू

टीटीडी को घी आपूर्ति की शर्तें वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान बदली गईं: चंद्रबाबू नायडू

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  • Publish Date - September 22, 2024 / 09:49 PM IST,
    Updated On - September 22, 2024 / 09:49 PM IST

हैदराबाद, 22 सितंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने राज्य की पूर्ववर्ती वाईएसआरसीपी सरकार पर रविवार को निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य की पिछली सरकार के दौरान तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा घी खरीदने की कई प्रक्रियाओं में बदलाव किया गया था।

नायडू ने यह भी आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती राज्य सरकार के दौरान टीटीडी बोर्ड में नियुक्तियां ‘‘जुआ’’ की तरह हो गई थीं और ऐसे लोगों को नियुक्त करने के उदाहरण हैं, जिनकी कोई आस्था नहीं थी और बोर्ड में गैर-हिंदुओं को वरीयता दी गई।

नायडू ने यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लड्डू के संबंध में खुलासे के बाद लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं।

नायडू ने कहा कि पहले की शर्तों के अनुसार घी आपूर्तिकर्ता के पास कम से कम तीन साल का अनुभव होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हालांकि जगन मोहन रेड्डी के सत्ता में आने के बाद इसे घटाकर एक साल कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि आपूर्तिकर्ता का आवश्यक कारोबार भी पहले के 250 करोड़ रुपये से घटाकर 150 करोड़ रुपये कर दिया गया।

नायडू ने सवाल किया कि कोई 319 रुपये में शुद्ध घी कैसे दे सकता है, जबकि ‘पाम ऑयल’ भी इससे महंगा है। उन्होंने कहा कि एआर डेयरी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड ने 12 जून, 2024 से घी की आपूर्ति शुरू की।

जगन द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे गए पत्र का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) प्रमुख पत्र लिखकर पलटवार करने की कोशिश कर रहे हैं।

वेंकटेश्वर स्वामी के प्रसादम के लिए एक विशेष स्थान है, क्योंकि इसमें शुद्ध सामग्री होती है और पिछले 300 वर्षों से इसे बनाने की गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं किया गया है।

कुछ दिन पहले, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विधायक दल की बैठक के दौरान तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख ने दावा किया था कि पूर्ववर्ती वाईएसआर कांग्रेस पार्टी सरकार ने श्री वेंकटेश्वर मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और पशुओं की चर्बी का इस्तेमाल किया।

इसके दो दिन बाद, 20 सितंबर को टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रयोगशाला जांच में, चयनित नमूनों में पशु चर्बी और सूअर की चर्बी की मौजूदगी का पता चला है और बोर्ड ‘‘मिलावटी’’ घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार को काली सूची में डालने की प्रक्रिया में है।

भाषा अमित दिलीप

दिलीप