Nipah Virus Alert : केरल। अभी चमगादड़ों के प्रजनन (Reproduction) का मौसम शुरू हुआ है। ऐसे में चमगादड़ों से होने वाली बिमारी फैलने का खतरा ज्यादा होता है। इसे देखते हुए केरल स्वास्थ्य विभाग ने सभी राज्यों में निपाह वायरस को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। निपाह वायरस से सावधान रहने और निगरानी को मजबूत करने के लिए केरल स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
बता दें केरल ने अबतक तीन बार निपाह वायरस का प्रकोप झेला है। सबसे पहले 2018 में केरल के कोझीकोड में इस वायरस के मरीज मिले थे। इसके बाद साल 2019 में दोबारा एनार्कुलम में एक मामला सामने आया था। फिर 2021 में एक बार फिर केरल के कोझीकोड से निपाह का एक मरीज मिला था।
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Nipah Virus Alertकेरल स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि अस्पतालों, विशेष रूप से आपातकालीन / हताहत विंग, निपाह जैसे लक्षणों के साथ आने वाले रोगियों के प्रति सतर्क रहना चाहिए, जिसमें बुखार, परिवर्तित मानसिक स्थिति, गंभीर कमजोरी, सिरदर्द, श्वसन संकट, खांसी, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और दस्त शामिल है।
निपाह वायरस का पहला मरीज केरल के कोझीकोड में साल 2018 के मई-जून में मिला था। वहां निपाह के कुल 23 मामले सामने आए थे। इनमें से केवल 18 मरीजों की पुष्टि प्रयोगशाला में की गई थी। जिनमें से सिर्फ 2 मरीज ही ठीक हो पाए थे। इसके बाद साल 2019 में एक बार फिर निपाह ने केरल में एंट्री की। इस दौरान केवल एक मरीज मिला और वह जल्द ही स्वस्थ हो गया। निपाह का प्रकोप केरल में थमा नहीं। 2021 में निपाह ने एक बार फिर केरल में दस्तक दी। इस समय केवल एक ही मामला सामने आया लेकिन उस 12 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। जबकि निपाह प्रकोप स्थलों से एकत्र किए गए चमगादड़ों के नमूनों में निपाह IGG एंटीबॉडी की मौजूदगी का पता चला था।
राज्य सरकार ने सूचना जारी करते हुए लोगों को सावधान और अलर्ट रहने को कहा है। इसके साथ ही केरल स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि लोगों को इस बात का ध्यान रखना होगए की बैट (चमगादड़) कॉलोनियां परेशान न हो। इसके साथ ही जमीन पर गिरे हुए फल ‘जिनपर काटने का निशान हो’ खाने से बचे। ऐसा इसलिए क्योंकि स्वास्थ्य विभाग ने निपाह वायरस से उच्च मृत्यु दर दर्ज किया है।
पिछले साल नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ वायरोलॉजी (NIV) ने कोझीकोड जिले में दो फ्रूट बैट किस्मों से एकत्र किए गए नमूनों में निपाह वायरस एंटीबॉडी पाया था। बता दें निपाह वायरस सीधा दिमाग में असर डालता है। इस वायरस से दिमाग में एक बड़ी सूजन (एन्सेफलाइटिस) हो सकती है और जिससे मरीज की मृत्यु हो सकती है।
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