तेलंगाना सरकार का जाति सर्वेक्षण शुरू, मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को दी जानकारी

तेलंगाना सरकार का जाति सर्वेक्षण शुरू, मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को दी जानकारी

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  • Publish Date - November 6, 2024 / 10:25 PM IST,
    Updated On - November 6, 2024 / 10:25 PM IST

हैदराबाद, छह नवंबर (भाषा) तेलंगाना सरकार का व्यापक सामाजिक-आर्थिक, रोजगार, राजनीतिक और जाति सर्वेक्षण बुधवार को शुरू हो गया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विधानसभा चुनाव के दौरान जाति आधारित सर्वेक्षण कराने का वादा किया था।

राज्य के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने सर्वेक्षण को उत्पीड़न का शिकार हुए वर्गों के लिए सामाजिक न्याय और अवसरों की समानता प्राप्त करने के लिए एक ‘यज्ञ’ करार दिया।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि तेलंगाना की जमीन पर शुरू हुआ यह विशाल अभियान एक ‘‘साहसिक कार्य’’ है जो राहुल गांधी के नेतृत्व में देश के सामाजिक दृष्टिकोण को बदल देगा।

रेड्डी ने राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा से भी मुलाकात की और उन्हें सर्वेक्षण के बारे में जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से आग्रह किया कि वह केंद्र सरकार को इस सर्वेक्षण के बारे में जानकारी दें जिससे 2025 में होने वाली राष्ट्रीय जनगणना के दौरान इसे ध्यान में रखा जा सके।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि रेड्डी ने राज्यपाल को सर्वेक्षण और इसकी प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। इस दौरान उनके साथ राजस्व मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी और अन्य नेता भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री और नेताओं ने राज्यपाल से कहा कि सर्वेक्षण के संबंध में तेलंगाना देश के लिए एक आदर्श राज्य बनेगा।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जाति सर्वेक्षण के पहले चरण में 6 से 8 नवंबर तक प्रत्येक ब्लॉक में मकान की सूची तैयार की जाएगी जिसके बाद दूसरे चरण में 9 नवंबर से परिवार सर्वेक्षण किया जाएगा।

उप-मुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने बताया कि राज्य भर में 94,750 गणनाकारों और 9,478 पर्यवेक्षकों का चयन किया गया है। प्रत्येक गणनाकार 150 घरों में जा कर सर्वेक्षण करेंगे। उन्होंने बताया कि दोनों को प्रशिक्षण दिया गया है।

विक्रमार्क ने बताया कि संविधान में उल्लिखित अवसरों की समानता और सामाजिक न्याय के लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से यह सर्वेक्षण कराया जा रहा है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे इस ‘‘महान कार्य’’ के लिए गणनाकारों को जानकारी प्रदान करें।

उपमुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस जाति सर्वेक्षण का उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति को समझना है तथा यह भी जानने की कोशिश की जाएगी कि क्या उन्हें संसाधन, अवसर और अन्य चीजें समान रूप से मिल पा रही हैं या नहीं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब सर्वेक्षण पूरा हो जाएगा, तो हम समाज की, सभी समुदायों की, समाज के सभी लोगों की वर्तमान स्थिति की घोषणा करेंगे।’।

सर्वेक्षण में 56 मुख्य प्रश्नों और 19 अनुपूरक प्रश्नों के माध्यम से परिवारों के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी।

सर्वेक्षण में घर के सदस्यों का धर्म, जाति, वैवाहिक स्थिति, शैक्षिक योग्यता, कार्य, वार्षिक आय आदि से संबंधित सवाल किए जाएंगे।

जाति सर्वेक्षण में परिवारों से यह भी सवाल किया जाएगा की कि क्या परिवार के सदस्य स्थानीय मंदिरों/मस्जिदों/चर्चों/अन्य पूजा स्थलों में बिना किसी भेदभाव और धमकी के स्वतंत्रतापूर्वक जा सकते हैं।

विक्रमार्क ने कहा कि यह आश्वासन दिया गया कि सर्वेक्षण के तहत प्राप्त होने वाले आंकड़ों को गोपनीय रखा जाएगा। नागरिकों को सूचना साझा करने में किसी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘जब पूरा सर्वेक्षण पूरा हो जाएगा तब हम यह घोषणा करेंगे कि समाज की, सभी समुदायों की और समाज के सभी लोगों की वर्तमान स्थिति क्या है।’’

मंगलवार को कांग्रेस की तेलंगाना इकाई द्वारा आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि वह तेलंगाना में जाति जनगणना सुनिश्चित करने और राज्य को देश में जाति जनगणना के लिए एक मिसाल बनाने की खातिर पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

राज्य के परिवहन मंत्री पोन्नम प्रभाकर ने बृहन्न हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) कार्यालय में सर्वेक्षण की शुरुआत करते हुए नागरिकों से बिना किसी आशंका के सर्वेक्षणकर्ताओं को जानकारी देने का आग्रह किया।

प्रभाकर ने सर्वेक्षण को एक ‘‘ऐतिहासिक’’ निर्णय बताते हुए कहा कि यह अभ्यास आने वाले दिनों में देश को रास्ता दिखाएगा।

राज्य के आईटी मंत्री डी. श्रीधर बाबू ने कहा कि सर्वेक्षण से सरकार को समाज के विभिन्न वर्गों के कल्याण और विकास के लिए योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी।

भाषा

प्रीति अविनाश

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