तेजस्वी सूर्या ने चुनावी वादों को लेकर खरगे, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर निशाना साधा

तेजस्वी सूर्या ने चुनावी वादों को लेकर खरगे, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर निशाना साधा

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  • Publish Date - November 2, 2024 / 09:43 PM IST,
    Updated On - November 2, 2024 / 09:43 PM IST

बेंगलुरु, दो नवंबर (भाषा) कर्नाटक की बेंगलुरु दक्षिण लोकसभा सीट से सांसद तेजस्वी सूर्या ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों पर उस सच्चाई को छिपाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाने का आरोप लगाया है जिसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी के झूठे वादों के संबंध में उजागर किया है।

सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में सूर्या ने कहा कि खरगे से लेकर कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों तक पूरा वामपंथी तंत्र मोदी द्वारा उजागर की गई सच्चाई को छिपाने की कोशिशों में जुटा हुआ है।

उन्होंने लिखा, “मोदी जी ने जो उजागर किया है, वह कर्नाटक की वास्तविक तस्वीर बयां करता है। पिछले डेढ़ वर्षों में मुफ्त की रेवड़ी बांटने के अस्थिर मॉडल ने हमारे राज्य की विकास यात्रा पर कहर बरपाया है, जिससे हमारी प्रगति गंभीर रूप से बाधित हुई है। वायरल वीडियो में खरगे खुद इस बात को स्वीकार करते नजर आ रहे हैं।”

सूर्या ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया की ओर से पेश हालिया बजट की तरफ इशारा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुफ्त की रेवड़ी बांटने के चक्कर में अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आवंटन घटाना पड़ा है।

सूर्या ने दावा किया कि धन के इस गलत आवंटन ने बेंगलुरु में बुनियादी ढांचा विकास को प्रभावित किया है और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) कल्याण राशि में से लगभग 13,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल मुफ्त की रेवड़ियां बांटने के लिए किया जा रहा है।

सूर्या ने सिद्दरमैया के हालिया बजट, जिसमें उन्होंने 12,000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व घाटा बताया, की तुलना पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की ओर से पेश पिछले राजस्व अधिशेष बजट से की।

उन्होंने कहा, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि खरगे जी, (कांग्रेस शासित राज्यों के) उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री जोर-शोर से बयानबाजी कर और नाम लेकर प्रधानमंत्री के संदेश से ध्यान भटकाने की कितनी कोशिश करते हैं, कांग्रेस के झूठे वादों से सावधान रहने का आह्वान वास्तव में कर्नाटक में जमीनी हकीकत को दर्शाता है।”

भाषा पारुल संतोष

संतोष