जैसलमेर: देश में किसी भी परीक्षा का रिजल्ट आए होनहारों की लिस्ट लंबी होती है। ऐसे होनहार जो गरीबी और आभाव को मात देकर दुनिया के सामने मिशाल पेश करते हैं। ऐसी ही एक कहानी सामने आई है राजस्थान के जैसलमेर से, जहां एक 24 साल के युवक ने यूपीएससी में टॉप किया है। बताया जा रहा है कि इस युवक के परिवार का गुजार एक चार के ठेले से चलता है और पूरे परिवार की जिंदगी तंगी में गुजरी है।
ये कहानी है जैसलमेर के देशल दान की, जिसने यूपीएससी में टॉप किया है। देशल दान 7 भाई बहनों में दूसरे पड़े लिखे बच्चे हैं। देशल आईआईटी जबलपुर से बीटेक ग्रेजुएट हैं। देशल कहते हैं कहते हैं कि जब वे 10वीं की पढ़ाई कर रहे थे तब उनके भाई नेवी में नौकरी करते थे। हालांकि उनके भाई की ड्यूटी के दौरान निधन हो गया। देशल के भाई कहते थे कि या तो सेना में जाना या फिर एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में। देशल ने अपने भाई से नेवी के शौर्य की कई कहानियां सुनी थी। अपने भाई से प्रेरित होकर देशल ने सिविल सर्विस एग्जाम का चयन किया और टॉप कर परिवार सहित देश का नाम रोशन किया।
देशल कहते हैं कि ऑफिसर बनने के बाद उनके नेचर में कोई बदलाव नहीं आएगा और एक बेहतर अधिकारी बनकर लोगों की सेवा करेंगे। लोगों की समस्याओं का समाधान देना उनकी पहली प्राथमिकता होगी। मैं अपनी जड़ों को कभी नहीं भूलूंगा, और यही मेरी सबसे बड़ी ताकत है। मैंने संघर्ष को बहुत करीब से देखा और अनुभव किया है। मुझे समझ में आ गया है कि क्या किया जाना चाहिए।
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वहीं उनके पिता का कहना है कि बेटे का आईएएस अफसर बनना किसी सपने से कम नहीं है। अधिकारी बनने के बाद मेरे बेटे को सबसे पहले परिवार और लोगों की समस्याओं का ध्यान रखना चाहिए। मैने अपने दोनों बेटों को आभाव में पढ़ाया है, लेकिन दोनों ने दुनिया के सामने मेरा सिर उंचा कर दिया।