नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने संसद सदस्यों ने स्थानीय क्षेत्र विकास (एमपीलैड) योजना के तहत सांसदों को दी जाने वाली निधि बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष किये जाने की मांग सोमवार को की।
तेदेपा सांसद मंगुट श्रीनिवासुलु रेड्डी ने ‘वर्ष 2024-25 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगें: प्रथम बैच’ पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश के विभिन्न राज्यों में केंद्रीय परियोजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ योजना को ध्यान में रखकर तमिलनाडु सरकार आवश्यक कदम उठा रही है।
रेड्डी ने नदियों को जोड़ने की तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि एन. चंद्रबाबू नायडू की सरकार गोदावरी और पेन्ना नदियों को जोड़ने का प्रयास कर रही है, जिसपर 72 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने राज्य सरकार की इस योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की भी सरकार से मांग की।
उन्होंने एमपीलैड योजना के तहत सांसद निधि को मौजूदा पांच करोड़ रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये करने की मांग करते हुए कहा कि यह लंबे समय से सभी सांसदों की मांग है।
तेदेपा के ही श्रीभरत मुतुकुमिल्ली ने फुटवियर इंडस्ट्रीज की ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कौशल विकास के लिए अत्यधिक राशि निर्धारित करने की सरकार से मांग की।
भाजपा के जुगल किशोर शर्मा ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए जनधन खाते को लेकर विपक्ष की कटु आलोचना की। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने जिस जनधन खाता योजना का मजाक उड़ाया था, उसका फायदा अब उसे भी समझ आ रहा होगा।
उन्होंने मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये गये कार्यों का भी उल्लेख किया और कहा कि अब सड़क दुर्घटना में घायल लोगों का भी मुफ्त इलाज होगा।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने स्वयं सहायता समूहों के जरिये महिलाओं को सशक्त करने का प्रयास किया है और इसका परिणाम महिलाओं की आर्थिक स्थिति में बदलाव के रूप में आया है।
उन्होंने कहा कि बैंकों की स्थिति भी सुधरी है, ऋण आसानी से मिल रहे हैं।
भाजपा के शशांक मणि ने भी चर्चा में हिस्सा लिया।
भाषा सुरेश दिलीप
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