Kashmir Target Killing : नई दिल्ली। कश्मीर में टारगेट किलिंग के बढ़ते मामलों को देखते हुए कल गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक बुलाई थी। घाटी में एक बार फिर 90 की दशक की तरह हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है और उनकी बेरहमी से हत्या की जा रही है। इन घटनाओं से अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय काफी डरा हुआ है। ऐसे में केंद्र सरकार ने इन आतंकियों के खिलाफ मास्टर प्लान तैयार किया है। बताया जा रहा है कि इसके लिए केंन्द्र सरकार जम्मू-कश्मीर में तैनात सुरक्षा के पूरे ढांचे को बदलेगी।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
मिली जानकारी के अनुसार केंद्रशासित प्रदेश (कश्मीर) में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि देश के बेहतरीन पुलिसकर्मियों की पहचान कर उन्हें कम समय में स्पेशल ट्रेनिंग दी जाए। इसके बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस के इन स्पेशल जवानों को थाने स्तर पर SHO और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर तैनात किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में घाटी में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा पर विस्तार से चर्चा हुई। बताया गया कि इस दौरान ‘सॉफ्ट टारगेट’ हत्याओं को रोकने के लिए पुलिस तंत्र को मजबूत करने पर फोकस किया गया।
Read More : अस्पताल में घुसकर युवक ने किया चाकू से हमला, तीन चिकित्साकर्मी गंभीर
बता दें गृहमंत्री अमित शाह ने एक के बाद एक जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा और आगामी अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर भी इस बैठक चर्चा की गई। इसमें उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, NSA अजीत डोभाल, गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, खुफिया ब्यूरो के प्रमुख अरविंद कुमार, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक कुलदीप सिंह, सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख पंकज सिंह, जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह सहित प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया।
एक रिपोर्ट में कहा गया कि हाल ही में कश्मीर में हुई हत्याएं एक नए पैटर्न को दिखाती हैं। जैसे कि कम महत्व के टारगेट को युवाओं ने पिस्टल से निशाना बनाया। ये हमलावर अब तक पुलिस या खुफिया एजेंसियों के रेडार पर भी नहीं थे और ये हाइब्रिड आतंकियों की एक नई नस्ल के रूप में उभरे हैं। ये ऐसे लोग होते हैं जो अचानक आसान लक्ष्य को टारगेट करते हैं और फिर समाज में घुलमिल जाते हैं। इन हमलों को अमरनाथ यात्रा में बाधा पहुंचाने के एक संगठित प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
इस नए पैटर्न को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि ‘सॉफ्ट टारगेट पर हमले आतंकियों की हताशा को दिखाते हैं। जैसे बड़े हमले काफी कम हो गए हैं, उसी तरह सॉफ्ट टारगेट पर इन हमलों से भी रणनीति में बदलाव कर निपटा जाएगा।’
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र की नई रणनीति के तहत अगले कुछ दिनों में माहौल खराब करने वाले स्थानीय लोगों, छोटे अपराधियों और आतंकियों से हमदर्दी रखने वाले लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा सकता है। इसके साथ ही सबूत मिलने पर गिरफ्तारियां भी की जाएंगी। अगर जरूरी हुआ तो पब्लिक सेफ्टी ऐक्ट के तहत डिटेंशन में भी रखा जा सकता है। बता दें इसी तरह के कदम अक्टूबर 2021 में उठाए गए थे जब नागरिकों की हत्याओं का यही पैटर्न देखा गया था।
सुरक्षाबलों को मजबूत किया जाएगा जो जो फिलहाल नाका/बंदोबस्त या वीआईपी ड्यूटी में लगे हुए हैं। उन्हें ट्रेनिंग देकर स्पेशल मिशन के लिए तैयार किया जाएगा। SHO इलाके के उपद्रवियों पर नजर रखने के साथ ही खुफिया जानकारी हासिल करेंगे और हाल में हुई हत्याओं से जुड़े मामलों की जांच के लिए स्पेशल जवानों को लगाया जा सकता है।
केंद्र की बैठक में अमरनाथ यात्रा को लेकर भी सुरक्षा और बढ़ाने का फैसला हुआ है। इसके तहत सेना और केंद्रीय बलों की अतिरिक्त कई यूनिटें तैनात की जाएंगी। इतना ही नहीं निगरानी के लिए ड्रोन और रास्तेभर स्नाइपर्स (निशानेबाज कमांडो) मोर्चा संभालेंगे। बम या किसी अन्य खतरे से तत्काल निपटने के लिए यात्रियों के मूवमेंट की 24×7 निगरानी की जाएगी। इसके साथ ही यात्रा के दौरान बख्तरबंद गाड़ियां मौजूद रहेंगी। यात्रियों के बीच मौजूद जवान रेडियो सिग्नल के जरिए सीझे एकीकृत कंट्रोल रूम श्रीनगर से जुड़े रहेंगे। इस निर्णय को लेकर एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ‘हर तरह की संभावित घटनाओं के लिए इमर्जेंसी प्लान तैयार किया जा रहा है। यात्रा को लेकर कई खतरे हैं लेकिन सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से तैयार हैं।’