तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी की जमानत को उच्चतम न्यायालय में दी गई चुनौती

तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी की जमानत को उच्चतम न्यायालय में दी गई चुनौती

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  • Publish Date - October 25, 2024 / 10:30 PM IST,
    Updated On - October 25, 2024 / 10:30 PM IST

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय को शुक्रवार को सूचित किया गया कि नौकरी के बदले नकदी घोटाला मामले में तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को जमानत देने संबंधी आदेश पर पुनर्विचार के लिए एक याचिका दायर की गई है।

शिकायतकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन ने न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ से पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई करने का निर्देश देने का आग्रह किया।

पीठ ने शंकरनारायणन से कहा कि यदि पुनर्विचार याचिका दायर की गई है, तो उस पर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।

उच्चतम न्यायालय ने सेंथिल बालाजी को 26 सितंबर को धनशोधन के एक मामले में 15 महीने से अधिक समय बाद जमानत देते हुए कहा था कि निकट भविष्य में सुनवाई पूरी होने की कोई संभावना नहीं है।

शंकरनारायणन ने कहा कि राहत के बाद उन्हें 29 सितंबर को मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री बनाया गया।

वरिष्ठ वकील ने कहा कि वह सरकारी वकील की योग्यता पर कोई संदेह नहीं कर रहे हैं, बल्कि वह केवल उस आदेश श्रृंखला पर सवाल उठा रहे हैं, जिसके तहत उन्हें बालाजी से जुड़े मामलों के बारे में रिपोर्ट करनी थी।

पीठ ने कहा कि शंकरनारायणन सरकारी वकील के खिलाफ गंभीर आरोप लगा रहे हैं और उन्हें इसके लिए आवेदन दायर करने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति ओका ने 25 नवंबर को सुनवाई तय करते हुए कहा, ‘‘हम पहले ही कह चुके हैं कि इन मामलों की निगरानी यह अदालत कर रही है। आप एक ठोस आवेदन दायर करें और हम उस पर विचार करेंगे।’’

उच्चतम न्यायालय ने 30 सितंबर को मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से बालाजी से संबंधित मामले की सुनवाई के लिए एक और न्यायाधीश नियुक्त करने को कहा था।

बालाजी (48) को 29 सितंबर को तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि ने मंत्री पद की शपथ दिलाई थी। उन्हें बिजली, गैर-पारंपरिक ऊर्जा विकास, आबकारी जैसे प्रमुख विभाग का कार्यभार सौंपा गया था। मुख्यमंत्री स्टालिन के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में पूर्व में बालाजी के पास इन्हीं विभागों की जिम्मेदारी थी।

पीठ ने तमिलनाडु के सांसदों और विधायकों से संबंधित मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत के न्यायाधीश की रिपोर्ट पर गौर किया था, जिसमें कहा गया कि उनके समक्ष 29 मामले हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने करूर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले बालाजी को पिछले साल 14 जून को नौकरियों के बदले नकदी घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था। यह मामला उस समय का है, जब वह 2011-15 के बीच ‘ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम’ (अन्नाद्रमुक) सरकार के दौरान परिवहन मंत्री थे।

राज्यपाल ने 13 फरवरी को मंत्रिमंडल से बालाजी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था। उच्चतम न्यायालय ने 26 सितंबर को बालाजी को जमानत दे दी थी।

भाषा

देवेंद्र दिलीप

दिलीप