चेन्नई, 28 मार्च (भाषा) तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में चेन्नई शहर के उत्तरी हिस्से में स्थित रायपुरम सीट विपक्षी दल द्रमुक के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है और इस सीट को वापस पाने के लिए वह जी जान से कोशिश कर रही है। पार्टी ने 2001 में यह सीट गंवा दी थी और तब से इस पर अन्नाद्रमुक का कब्जा है।
तमिलनाडु में 234 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव छह अप्रैल को होंगे। मतगणना दो मई को होगी।
अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता और राज्य के मत्स्य पालन मंत्री डी जयकुमार ने इस विधानसभा सीट पर लगातार चार चुनावों में द्रमुक और उसके सहयोगी दल कांग्रेस के उम्मीदवारों को मात दी है।
रायपुरम विधानसभा सीट से द्रमुक और कांग्रेस उम्मीदवारों को लगातार शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है।
इस सीट पर जयकुमार के समर्थक उन्हें ‘डीजे अन्ना’ (बड़ा भाई) कहते हैं। वह 1996 में द्रमुक के आर. मथिवानन से विधानसभा चुनाव हारे थे, जब सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक के खिलाफ सत्ता विरोधी जबरदस्त लहर थी।
उन्होंने यहां से पहली बार 1991 में शानदार जीत दर्ज की थी। इसके बाद, 2001 के चुनाव में जीत हासिल की और फिर 2006, 2011 और 2016 में इस सीट पर अपना कब्जा बनाए रखा।
उनका चुनाव प्रचार का अलग तरीका भीड़ को खींच लाता है और हमेशा चेहरे पर मुस्कान रखने वाले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सफेद टोपी पहनने से भी नहीं हिचकिचाते। ऐसी ही सफेद टोपी पार्टी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन पहनते थे। जयकुमार, लोगों से जुड़ने के लिए रामचंद्रन की फिल्मों के मशहूर गीत भी गाते हैं।
जयकुमार ने हाल ही में चुनाव प्रचार करने के बाद अपने घर जाते हुए युवाओं के साथ कबड्डी खेलकर सभी को चौंका दिया था।
इस सीट पर उन्हें द्रमुक के 54 वर्षीय उम्मीदवार आर मूर्ति चुनौती दे रहे हैं। वह आईड्रीम्स सिनेमाज और आईड्रीम्स संपत्तियों के मालिक हैं।
मूर्ति ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम अब भी पेयजल और जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने की दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। कुछ इलाकों में सीवर का पानी पेयजल के साथ मिल जाता है। इसे फौरन ठीक करने की जरूरत है।’’
हालांकि, अपने गढ़ से सातवीं बार चुनाव लड़ रहे जयकुमार इस बार भी विजयी होने को लेकर आश्वस्त हैं।
छह अप्रैल को होने वाले चुनाव के लिए इस सीट पर कुल 26 उम्मीदवार मैदान में हैं।
भाषा गोला सुभाष
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