बेंगलुरु, 28 नवंबर (भाषा) कर्नाटक के गृहमंत्री जी. परमेश्वर ने बृहस्पतिवार को कहा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की भी चर्चा है और इन मामलों पर फैसला पार्टी नेतृत्व को करना है।
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष के रूप में चार साल का कार्यकाल पूरा कर चुके उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार फिलहाल पद पर कार्यकाल विस्तार पर हैं।
परमेश्वर ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष (शिवकुमार) दिल्ली गए हैं। मुझे पता चला है कि मुख्यमंत्री (सिद्धरमैया) भी आज जा रहे हैं। कल कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक है। वे उसके लिए जा रहे हैं। बैठक के बाद, मुझे नहीं पता कि वे कैबिनेट फेरबदल के बारे में आलाकमान से चर्चा करेंगे या नहीं।’’
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘इसके (मंत्रिमंडल फेरबदल) साथ ही हम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को बदलने की भी चर्चा सुन रहे हैं। इसलिए, इन दो बातों पर, मुख्यमंत्री और अध्यक्ष आलाकमान से परामर्श के बाद क्या निर्णय लेंगे, मुझे नहीं पता।’’
सिद्धरमैया आज शाम राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना हो रहे हैं, जबकि शिवकुमार पहले से ही वहां मौजूद हैं।
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) अध्यक्ष को बदलने के सवाल पर परमेश्वर, जो पहले यह जिम्मेदारी संभाल चुके हैं, ने कहा कि उन्होंने इस बारे में केवल चर्चा सुनी है, लेकिन यह निश्चित नहीं है कि यह किस चरण में है।
उन्होंने कहा, ‘‘जैसा कि मंत्रिमंडल में फेरबदल के बारे में चर्चा हो रही है, वैसे ही केपीसीसी अध्यक्ष को बदलने के बारे में भी चर्चा हो रही है। यह आलाकमान पर छोड़ दिया गया है। वे मुख्यमंत्री और मौजूदा अध्यक्ष के परामर्श से निर्णय लेंगे।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या मंत्रिमंडल में फेरबदल के दौरान उनका प्रभाग बदला जाएगा, परमेश्वर ने कहा कि यह आलाकमान को तय करना है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब तक मैंने आलाकमान के निर्णयों का पालन किया है और पिछले 35 वर्षों से उन्होंने मुझे जो जिम्मेदारियां दी हैं, उन्हें पूरा किया है। मैं ऐसा करना जारी रखने के लिए तैयार हूं।’’
केपीसीसी अध्यक्ष पद के दावेदारों में से एक माने जा रहे लोकनिर्माण (पीडब्ल्यूडी) मंत्री सतीश जरकीहोली ने बुधवार को कहा कि पार्टी अध्यक्ष पद कोई आसान काम नहीं है। उन्होंने कहा कि यह एक कठिन काम है और इसे संभालना एक जिम्मेदारी है।
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही मंत्रिमंडल में फेरबदल और मंत्रियों के कामकाज के मूल्यांकन को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। मंत्री पद के इच्छुक विधायकों के एक वर्ग की ओर से भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की मांग की जा रही है। कुछ विधायकों ने तो मंत्री बनने की इच्छा खुले तौर पर जाहिर कर दी है।
भाषा
अमित नरेश
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