चुनाव के बाद योजनाओं के लिए मतदाताओं का पंजीकरण करने पर कार्रवाई करें: दिल्ली निर्वाचन कार्यालय

चुनाव के बाद योजनाओं के लिए मतदाताओं का पंजीकरण करने पर कार्रवाई करें: दिल्ली निर्वाचन कार्यालय

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  • Publish Date - May 15, 2024 / 05:06 PM IST,
    Updated On - May 15, 2024 / 05:06 PM IST

नयी दिल्ली, 15 मई (भाषा) दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने दिल्ली पुलिस से चुनाव के बाद योजनाओं का फायदा देने के लिए मतदाताओं के पंजीकरण में शामिल राजनीतिक दलों और उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने 11 मई को दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को लिखे एक पत्र में उनसे इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए क्षेत्र के अधिकारियों और जिला पुलिस को और अधिक सतर्क एवं संवेदनशील बनाने को कहा।

पत्र में कहा गया है कि निर्वाचन कार्यालय को ‘‘कुछ’’ राजनीतिक दलों द्वारा सर्वेक्षण की आड़ में चुनाव के बाद योजनाओं का फायदा देने के लिए ‘‘मतदाताओं का पंजीकरण’’ करने की शिकायतें मिली हैं।

इसमें कहा गया है कि ऐसे दल अपनी संभावित योजनाओं का लाभ पाने के लिए मतदाताओं से हाथ से या डिजिटल रूप से फॉर्म भरने के लिए कह रहे हैं।

राष्ट्रीय राजधानी में सात लोकसभा सीट पर छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा।

दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय द्वारा पुलिस आयुक्त को लिखे पत्र में कहा गया है, ‘‘कुछ राजनीतिक दलों और उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ विभिन्न योजनाओं के लिए व्यक्तियों को पंजीकृत करने और पर्चे के रूप में गारंटी कार्ड वितरित करने के साथ-साथ मतदाताओं का नाम, उम्र पता, मोबाइल नंबर, बूथ नंबर, निर्वाचन क्षेत्र का नाम जैसे विवरण मांगने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं।’’

पत्र में कहा गया, ‘‘इस तरह के उल्लंघनों के खिलाफ निर्वाचन अधिकारियों (आरओ) द्वारा कार्रवाई की जा रही है। आपसे (पुलिस आयुक्त) भी अनुरोध है कि आप अधिकारियों, जिला पुलिस को उनके संबंधित अधिकार क्षेत्र में ऐसी गैरकानूनी गतिविधियों पर नियंत्रण लगाने के लिए सक्रिय और अधिक सतर्क रहने का निर्देश दें।’’

पुलिस आयुक्त से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया कि ऐसे कृत्यों में लिप्त पाए जाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त और त्वरित कार्रवाई की जाए।

निर्वाचन अधिकारी ने यह भी सुझाव दिया कि पुलिस जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 127ए और 123(1) और भारतीय दंड संहिता की धारा 171 (बी) के तहत कार्रवाई कर सकती है।

भाषा आशीष धीरज

धीरज